अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। जिला हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वीमेन का शुभारंभ 14 अगस्त को छपरा स्थित जिला समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी सारण अमन समीर द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।इस मौके पर बताया गया कि महिलाओं को सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा पिछले वर्ष एक अप्रैल से मिशन शक्ति योजना की शुरुआत की गई है।
मिशन शक्ति का उद्देश्य महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण हेतु एक समान मंच तैयार करना है, जिसमें उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान कर सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रुप से सशक्त बनाना है।इस अवसर पर उप विकास आयुक्त प्रियंका रानी, नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम, सुमित कुमार, अपर समाहर्त्ता मो. मुमताज आलम, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस अनुपमा कुमारी, जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी कन्हैया कुमार, संबंधित जिला स्तरीय पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी-सह-नोडल पदाधिकारी के द्वारा जिला हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वीमेन के कार्यों एवं उद्देश्यों की विस्तृत जानकारी पावर प्वांइट प्रजेंटेशन के माध्यम से दी गयी। बताया गया कि महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के उदेश्य से भारत सरकार द्वारा 01 अप्रैल 2022 से मिशन शक्ति योजना की शुरुआत की गयी हैं। मिशन शक्ति योजना की अवधि 15वें वित्त आयोग की अवधि 2021 से 2026 तक है।
उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति का उद्देश्य महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण हेतु एक समान मंच तैयार करना है, जिसमें उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान कर सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वीमेन कार्यालय का कार्य महिलाओं को उनके सशक्तिकरण एवं विकास के लिए उपलब्ध संस्थागत ढांचे में मार्गदर्शन प्रदान करना है। इसके माध्यम से महिलाओं एवं किशोरियों के हित में स्वास्थ्य सेवा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, व्यावसायिक परामर्श, प्रशिक्षण, वित्तीय समावेशन, उद्यमिता विकास आदि के क्षेत्र में कार्य किया जाएगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वीमेन के द्वारा सरकारी योजनाओं, कार्यक्रमों और सेवाओं के बारे में जन-जागरूकता तथा ग्रामीण महिलाओं को उनके विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है। लैंगिक समानता और अभिसरण तथा जागरूकता श्रृजन के लिए महिलाओं के लिए विभिन्न संचालित योजनाओं तथा कार्यक्रमों के सेवाओं में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना इसका मुख्य उदेश्य है।
उन्होंने बताया कि बीपीएल सर्वेक्षण, आधार (यूआईडी), मनरेगा नामांकन जैसे मौजूदा सरकारी तंत्रों के माध्यम से सरकारी कार्यक्रमों में नामांकन के लिए पहचान स्थापित करने के लिए महिलाओं को दस्तावेज तैयार करने में सुविधा प्रदान किया जाएगा।
इसके तहत महिला केंद्रित योजनाओं/कार्यक्रमों पर ध्यान देने के साथ-साथ वितरण हेतु एक सामान्य मंच तैयार किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, माइक्रो फाइनेंस, आजीविका आदि में लैंगिक दृष्टिकोण से सर्वोत्तम प्रथाओं की पहचान कर दस्तावेजीकरण करना और इच्छित प्राप्तकर्ताओं तक इसका प्रसार किया जाएगा।
पंचायती राज्य संस्थाओं और ऑगनबाडी केन्द्रों जैसी ग्राम स्तरीय संस्थाओं के कार्यों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति, ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के मंच का उपयोग किया जाएगा। महिलाओं से संबंधित समस्याओं का समाधान एवं अभिसरण के प्रयासों से प्रभावी अनुश्रवण करने के लिए जिला स्तरीय अभिसरण समिति की बैठकों का आयोजन किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त महिला सशक्तीकरण से संबंधित गतिविधियों को आगे बढ़ाने में जिला द्वारा सौपी गई अन्य गतिविधियों के जरिए प्रभावी कदम उठाया जाएगा। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आइसीडीएस के कार्यालय में तत्काल प्रभाव से इस कार्य हेतु हब को प्रारंभ किये जाने की जानकारी दी गयी।
जिलाधिकारी ने कहा की इस कार्यालय द्वारा महिलाओं में क्षमता वर्धन एवं जागरूकता वर्धन के उद्देश्य से न केवल विभिन्न विभागों द्वारा संचालित अनेक हितकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी बल्कि, उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाने में आ रही दस्तावेज के प्रोसेस की जानकारी की कमी को दूर करने का प्रयास भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कई बार देखा गया है कि दस्तावेजों की कमी अथवा प्रक्रिया की जानकारी न होने के कारण क्षमता होते हुए भी हमारे समाज की महिलाएं योजनाओं को हासिल करने में पीछे रह जाती हैं। ऐसे में, हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वीमेन कार्यालय द्वारा उनके हित के लिए तमाम युक्ति संगत प्रयास किए जाएंगे।
ताकि, लैंगिक समानता बढ़ाई जा सके और समाज के विकास में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। इस परिप्रेक्ष्य में स्वास्थ्य, शिक्षा, माइक्रो फाइनेंस, आजीविका आदि कई ऐसे क्षेत्र हैं। जिनमें ये कम समय में भी आगे बढ़ सकती हैं। इस कार्यालय के माध्यम से न केवल समाधान उपलब्ध कराया जाएगा। बल्कि अनुश्रवण और जिला स्तरीय अभिसरण समिति की बैठकों का आयोजन भी कराया जाएगा।
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