भारत सरकार के सीबी एक्ट के तहत जमीन का अधिग्रहण-पीओ
एन.के.सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में सीसीएल बीएंडके एवं ढोरी प्रक्षेत्र के अमलो मौजा स्थित पुरनाटांड़ के रैयत व विस्थापितों का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
तेनुघाट से आए मजिस्ट्रेट सुजीत साव की उपस्थिति में 17 जुलाई को सीसीएल बीएंडके प्रबंधन मशीन लेकर नाला डायवर्सन व मार्ग बनाने का काम करने आया था, तभी विस्थापितों ने आकर प्रबंधन के दोहरे नीति का पुरजोर विरोध किया। जिसके बाद प्रबंधन कार्य को बंद करा दिया।
नाला डायवर्सन व मार्ग निर्माण का विरोध प्रदर्शन की जानकारी पाकर कारो पीओ केडी प्रसाद, प्रबंधक जीएन सिंह, आउटसोर्सिंग इंचार्ज संजय सिंह व रेवेन्यू अधिकारी बीके ठाकुर ने पहुंचे। पीओ केडी प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार के द्वारा सीबी एक्ट के तहत जमीन का अधिग्रहण किया गया है।
कार्य को रोकना और बाधा पहुंचाना कानून के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि माइंस विस्तारीकरण का कार्य को लोग बाधित ना करें। विस्थापितों का जो भी अधिकार है वह उपलब्ध करवाया जाएगा। दूसरी ओर विस्थापितों ने एक स्वर में प्रबंधन के नीति का विरोध करते हुए कहा कि प्रबंधन पहले अधिकार दे, उसके बाद जमीन ले।
विस्थापित दशरथ महतो, किशोर महतो ,लोकनाथ महतो, कैलाश महतो, महेंद्र महतो, द्वारिका महतो, दिलीप सिंह, राजेश कुमार गुप्ता, बबीता देवी, आशीष हरि ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन की नीति विस्थापितों के प्रति अच्छी नहीं है।
प्रबंधन एक ओर विस्थापितों के साथ बैठक कर अधिकार देने की बात करता है। दूसरी ओर जबरन विस्थापितों की जमीन पर अतिक्रमण करना चाह रहा है। विस्थापितो ने कहा कि प्रबंधन पूर्व में ही कई विस्थापितों का जमीन अधिग्रहण कर अधिकार से वंचित रखा है।
अब जब तक प्रबंधन हम लोगों को हमारे जमीन के एवज में नियोजन व मुआवजा उपलब्ध नहीं करवाता, तब तक हम लोग अपनी जमीन पर सीसीएल को खनन करने के लिए नहीं देंगे।
आउटसोर्सिंग कंपनी के इंचार्ज सुशील अग्रवाल ने कहा कि आए दिन विस्थापितों के द्वारा कार्य बंद करा देने से कोयला उत्पादन और ओबी का निस्तारण लक्ष्य के अनुरूप नहीं हो पाता है।
प्रबंधन जमीन उपलब्ध कराये, लक्ष्य से ज्यादा उत्पादन होगा। मौके पर गुलाबी देवी, रिंकू देवी, चंपा देवी, चेतनी देवी, कौशल्या देवी, बुधनी देवी, मंजू देवी, जानकी देवी, झानू देवी, गोदली देवी, सरस्वती देवी, ललिता देवी, बंधनी देवी आदि मौजूद थे।
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