एस.पी.सक्सेना/देवघर (झारखंड)। देवघर जिला उपायुक्त (Deoghar district Deputy Commissioner) मंजूनाथ भजंत्री ने 22 दिसंबर को आर एन बॉस लाईब्रेरी प्रांगण में लगे हस्तशिल्प प्रदर्शनी सह बिक्री मेला का निरीक्षण कर वास्तुस्थिति का जायजा लिया।
इस दौरान उपायुक्त ने देवघर मार्ट व लघु-कुटीर उद्योग द्वारा लगाये गये विभिन्न स्टॉलों का भ्रमण करते हुए अपने लिए खरीदारी की। साथ हीं उन्होंने लघु-कुटीर से जुड़े कामगारों की सराहना करते हुए देवघर मार्ट से सभी को जुड़ने से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी।
निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त भजंत्री द्वारा जानकारी दी गयी कि भारत गांवों का देश है। यहां हस्तशिल्प की अपनी लंबी परंपरा रही है, जिसका सामजिक सांस्कृतिक महत्व है। आज हम आधुनिक तकनीक से जुड़ रहे हैं, लेकिन परंपरागत हस्तशिल्प से कट रहे हैं। ऐसे में इस हस्तशिल्प प्रदर्शनी सह बिक्री मेला का अपना महत्व है।
उपायुक्त ने कहा कि अर्थव्यवस्था और समाज की व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है विभिन्न ट्रेडों के हस्तशिल्पियों, कारीगरों तथा अन्य पारम्परिक उद्योगों से जुड़े महिलाओं को इसके माध्यम से समाज की मुख्य धारा में लाने का प्रयास करना, जिसमें सभी का सहयोग आपेक्षित है।
इस उद्देश्य से जेएसएलपीएस की टीम, मुख्य मंत्री लघु-कुटीर उद्योग, जिला उद्योग केन्द्र, हस्तशिल्पियों एवं आरसेटी को जोड़ते हुए साकारात्मक सोच के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है, ताकि जिले के कामगारों को आत्मनिर्भर व सुदृढ़ बनाने का कार्य किया जा सके।
हस्तशिल्प सह प्रदर्शनी मेला के दौरान उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री द्वारा देवघर मार्ट वेबसाईट से जुड़ी विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि जिले के सभी कामगारों एवं हुनरमंदों की सुविधा हेतु इसकी शुरूआत की गयी है। देवघर मार्ट सभी के लिए एक हाट व बाजार की तरह है, जहां आप अपने सामानों को बिना किसी बिचौलियों के मदद से बेच सकते हैं।
वर्तमान में संबंधित विभागों के साथ मुख्यमंत्री लघु-कुटीर उद्योग एवं जेएसएलपीएस के प्रखंड समन्वयक आपकी सहायता करेंगे, ताकि आपके द्वारा निर्मित सामानों की गुणवता, ब्रांडिंग, पैकिंग के कार्यों में आपका सहयोग किया जा सके।
इस दिशा में संबंधित विभाग के अधिकारियों को पूर्व में ही दिशा-निर्देश दिया गया है, ताकि हम दोबारा मूल संस्कृति से जुड़ते हुए लोकल फॉर वोकल को चरितार्थ करें।
उपायुक्त द्वारा हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित सामानों (खाद्यी के वस्त्र, बांस के कलाकृतियां, चादर, टेडी बियर, गुड़िया, जादु पट्टी पेंटिंग, मास्क, घुंघरू, कढ़ाई-बुनाई के सामग्री) का अवलोकन करते हुए सभी कार्यों की सराहना की तथा कहा कि आने वाले समय में आप सभी द्वारा किये जाने वाले कार्यों को एक नई पहचान दिलाना जिला प्रशासन की प्राथमिकताओं में शुमार है।
इस दौरान जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार, सहायक निदेशक हस्तशिल्प भुवन भास्कर, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी एवं संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
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