गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला व्यवहार न्यायालय हाजीपुर में बीते 12 नवंबर को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में समझौता से मोटर वाहन दुर्घटना में मृतक की पत्नी, पुत्री और माता पिता को एक करोड़ 85 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया। यह बिहार राज्य में वाहन दुर्घटना में अभी तक दी गई सर्वाधिक मुआवजा राशि है।
घटना के सम्बंध में बताया जाता है कि हाजीपुर सदर प्रखंड के हद में इस्माईलपुर ग्राम निवासी अक्षय कुमार सिंह के अभियंता पुत्र शशिकांत सिंह जो राजस्थान के भिवाड़ी स्थित आर टेक ग्रुप में सिविल प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर कार्य कर रहे थ। उनकी मृत्यु 18 अगस्त 2018 को कन्टेनर के ठोकर से कुचले जाने के कारण हो गई थी। इस घटना की प्राथमिकी अलवर थाना में दर्ज किया गया था।
बताया जाता है कि दुर्घटना के समय 30 वर्षीय मृतक की पत्नी इंदिरा इंदु सिंह गर्भवती थी। शशिकांत की मृत्यु के बाद एक पुत्री शशिका का जन्म हुआ। मृतक शशिकांत की पत्नी ने जिला जज वैशाली के समक्ष मुआवजे के लिये दावा वाद क्रमांक-146/2019 कन्टेनर मालिक रविन्द्र सिंह चौहान और यूनिवर्सल सोपो इन्सुरेंस कम्पनी के खिलाफ दाखिल किया।
एक अजीव इतेफाक हुआ कि दावा वाद दाखिल करने वाले हाजीपुर के अधिवक्ता शशि भूषण प्रसाद की मुबई में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई।
इस दावा वाद में मृतक शशिकांत के आश्रितों को मुआवजा राशि दिलवाने के लिये जिला जज सत्येन्द्र पांडेय ने इन्सुरेंस कम्पनी के अधिकारियों और मृतक शशि कांत के आश्रितों को एक साथ बैठाकर मुआवजा राशि पर समझौता कराया और तय कुल राशि मे से मृतक की नावालिग पुत्री के नाम बैंक में एक करोड़ 11 लाख रुपये की राशि फिक्स डिपोजिट के रूप मे रखने का निर्देश जिला जज ने दिया।
जिस राशि को बालिग होने पर मृतक की पुत्री खुद प्राप्त करेगी। साथ ही मृतक की पत्नी को 33 लाख 30 हजार और माता पिता को 40 लाख 70 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई।
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