संक्रमण की दौर से गुजर रहा है कोयला उद्योग-चौधरी

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ के महामंत्री संजय कुमार चौधरी 17 अक्टूबर को कथारा पहुंचे। चौधरी ने देर रात्रि स्थानीय अतिथि गृह में पत्रकारों के साथ भेंट वार्ता में कहा कि देश में वर्तमान सरकार की जो नीति है वह मजदूर हित और पब्लिक सेक्टर के हित में नहीं है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार जो विनिवेश नीति के तहत कोयला उद्योग का निजीकरण कर रही है। इसके विरोध में आगामी 17 नवंबर को भारतीय मजदूर संघ नई दिल्ली स्थित संसद भवन का घेराव करेगी।

उसी की तैयारी को लेकर वे बेरमो कोयलांचल के तीनों क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें शामिल हो सके। उन्होंने बताया कि दिल्ली संसद भवन घेराव में सीसीएल सीकेएस के तीन हजार डिलीगेट्स भाग लेंगे।

चौधरी ने एक सवाल के जबाब में कहा कि हमारा मातृ संघ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ है। सभी का अपना कार्यक्षेत्र है। राजनीति के क्षेत्र में भाजपा, मजदूरों के लिए भारतीय मजदूर संघ, विद्यार्थियों के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आदि है। जिनका जो काम है उनके नीतिगत काम में हम हस्तक्षेप नहीं करते हैं।

हम मजदूरों के हित, उद्योग हित व् सार्वजनिक क्षेत्र को बचाने के लिए कार्य कर रहे हैं। वर्तमान सरकार का विरोध मजदूर विरोधी नीति के कारण है। सरकार के औद्योगिक नीति का हम विरोध कर रहे हैं। हम उनके नीतिगत मामले का विरोध नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार बहुत हद तक अरंगा डालने का कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि झारखंड में कोल इंडिया की तीन सब्सिडियरी सीसीएल, बीसीसीएल तथा इसीएल का राजमहल तथा चित्रा काम कर रही है। वर्तमान राज्य सरकार का रवैया इन उद्योगों के हित में नहीं है।

राज्य सरकार समर्थन करने के बजाए असहयोगात्मक रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में स्थापित कोयला उद्योग में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला, परोक्ष और अपरोक्ष रूप में लाखों लोगों को रोजगार मिलने का परिणाम स्वरूप राज्य में स्थित कोयला खदान आज संकट के दौर से जूझ रहा है। हम लोगों का प्रयास है कि उद्योग बढ़ाने में सहयोग करें।

एक सवाल के जबाब में महामंत्री संजय कुमार चौधरी ने कहा कि संगठन से जुड़े मजदूरों के साथ प्रबंधन की नीति हमेशा मजदूर विरोधी रहा है। अभी वर्तमान प्रबंधन है उसे मजदूर विरोधी भी नहीं कहा जा सकता है। वर्तमान सीसीएल प्रबंधन मजदूरों के हक में काम करना चाह रही है, लेकिन चाहकर भी प्रबंधन को जो चीजें चाहिए वह नहीं मिलती है।

उन्होंने कहा कि आज सीसीएल में वेलफेयर नाम की चीज नहीं रह गयी है। सीसीएल में सर्वत्र भ्रष्टाचार का बोलवाला है। खदान भी असुरक्षित चल रही है। खदानों में डीजीएमएस मापदंड की अवहेलना हो रही है। हमारा हमेशा प्रयास रहता है मजदूर सुरक्षित काम करे। डीजीएमएस मापदंड का पालन करते हुए कार्य करे।

कोयला उद्योग आज संक्रमण से गुजर रहा है। आज जितने भी बड़ी-बड़ी माइंस आ रही है जिसका उत्पादन लक्ष्य प्रतिवर्ष 14 मिलियन टन का है उसे एमडीओ के तहत सारा कार्य में जिस माइंस को दे रहे हैं, निजी क्षेत्रों में उनका कार्यकाल लगभग 25 वर्षों के लिए निजी कंपनी के देखरेख में होगा। जिसका सुपरविजन सीसीएल द्वारा एकमात्र नोडल के रूप में प्रबंधन रह जाएगा।

सीसीएल में एमडीओ जिसमें चरही क्षेत्र के वसंतपुर, आम्रपाली का चंद्रगुप्त, पिपरवार में अशोका बेस्ट सारा का सारा बड़ा माइंस एमडीओ में शामिल है।

इस मौके पर महामंत्री के साथ सीसीएल सीकेएस अध्यक्ष दिलीप कुमार, संगठन मंत्री रामेश्वर कुमार मंडल, सीसीएल सेफ्टी बोर्ड सदस्य आर इग्नेश, कथारा क्षेत्रीय सचिव राज कुमार मंडल, क्षेत्रीय संगठन मंत्री यदुनाथ गोप, क्षेत्रीय सह सचिव देवनारायण यादव, कथारा कोलियरी शाखा सचिव राजीव कुमार पांडेय आदि उपस्थित थे।

 207 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *