भारतीय संस्कृति को जागृत करना आर्य समाज का उद्देश्य है-शास्त्री

एस.पी.सक्सेना/बोकारो। भारतीय सभ्यता, संस्कृति और वेदों के उपदेश को जागृत करना आर्य समाज का मुल सोंच है। समाज अपनी संसकृति का प्रचार प्रसार करना वर्तमान समय में आवश्यक हो गया है।

उपनिषदों की व्याख्या वेदों का ज्ञान हमारी संस्कृति (Our culture) से विलुप्त होती जा रही है। उक्त बातें रांची के आर्य समाज के प्रचारक रणवीर शास्त्री ने 30 दिसंबर की संध्या बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में कथारा में पत्रकारों एक भेंट में कही।

मूल रूप से बिहार के बेगूसराय के रहने वाले आर्य समाजी रणवीर शास्त्री ने कहा कि उनका आज के दौरा का मुख्य उद्देश्य यहां यज्ञ कराने को लेकर था। लेकिन कुछ परेशानियों के कारण यहां यज्ञ नहीं हो सका। जल्द ही इस ओर भी कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूरे झारखंड (Jharkhand) में 106 आर्य समाजिक संगठन है।

जिसके 5000 से अधिक सदस्य हैं। शास्त्री ने कहा कि आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य वेदों और उपनिषदों का प्रचार प्रसार कर हमारे देश से विलुप्त हो रहे सभ्यता और संस्कृति को बचाए रखना है।

इसे लेकर जगह-जगह आर्य समाज द्वारा कार्यक्रमों (Program’s) का आयोजन के अलावे यज्ञ, सत्संग तथा गोष्ठी आदि की व्यवस्था की जा रही है, ताकि लोगों में जागरूकता आए और हमारे सभ्यता संस्कृति का विकास समुचित ढंग से हो। मौके पर उनके साथ वयोवृद्ध आर्य समाजी आर्याजी उर्फ डैडी जी तथा शिवदयाल मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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