मनुष्य का गंतव्य ईश्वर प्राप्ति है-ऋत्विक अमरनाथ ठाकुर
ईश्वर के आदेश का पालन करने वाला, ईश्वर से जुड़ा होता है-महाप्रबंधक
सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में गुवा क्लब परिसर मे बड़ाजामदा सत्संग विहार सत्संगी के नेतृत्व मे 24 मार्च को श्रीश्री ठाकुर अनुकूल चंद्र का 136वाँ अविर्भाव दिवस सह जन्मोत्सव श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जन्मोत्सव समारोह में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की एकजुटता में एक सुंदर झलक में रूपांतरित जय गुरु श्रीश्री ठाकुर अनुकूल चंद्र, श्रीश्री बडमॉ, श्रीश्री बडदा एवं श्रीश्री आचार्य देव को दर्शन के लिए श्रद्धालु लालायित दिखे।
बताया जाता है कि जन्मोत्सव समारोह में गुवा, नोवामुंडी, जोड़ा, बड़बील, भद्रासाई, बामेबारी, मनोहरपुर, चिड़िया, सोनुआ, झींकपानी, बड़ाजामदा आदि ओड़िशा व् झारखंड के श्रद्धालु एकजुट दिखे।
इस अवसर पर कार्यक्रम की शुरुआत में प्रातः कालीन प्रभात फेरी, संवेदक प्रार्थना, ग्रंथ पाठ, जन्म लग्न प्रार्थना की गई। कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता एसपीआर जोड़ा के नारायण चंद्र रथ एवं बोलानी सह प्रति ऋत्विक भवानी शंकर मैती ने ठाकुर अनुकुलचंद्र के भाव को श्रद्धालुओं के समक्ष रखा।
बेहतर सेवा, त्वरित सहयोग व जनकल्याण के लिए परम प्रेममय पिता ठाकुर के बनाए मार्ग पर चलने के लिए सबों को प्रेरित किया गया। कहा गया कि मानव में मानवीय गुणो का संचार करने व जन कल्याण के लिए सदैव अग्रसर रहना चाहिए।
इस अवसर पर सेल गुवा महाप्रबंधक आर के सिन्हा ने कहा कि ईश्वर के आदेश का पालन करने वाला एवं जन कल्याण के कार्य करने वाला व्यक्ति सदैव ईश्वर से जुड़ा हुआ होता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को मानव शरीर बहुत ही सौभाग्य से प्राप्त हुआ है। अतः मानव को जन जन कल्याण के कार्य करते रहना चाहिए।
वक्ता ऋत्विक अमरनाथ ठाकुर ने कहा कि मनुष्य का गंतव्य ईश्वर प्राप्ति है। सत्संगी को यजन एवं याजन का महत्व बताते हुए उसे अनुकरण करने के लिए उन्होने प्रेरित किया। ऋत्विक ठाकुर ने कहा कि अनुकूल चंद्र के भाव को घर घर में पहुंचना जरूरी है। युग पुरुषोत्तम के बताए मार्ग के द्वारा जीवन में शांति स्थापित की जा सकती है। उनके बहू धारा, नीति नियम से जीवन को संतुलित किया जा सकता है।
कार्यक्रम में भजन कीर्तन के साथ-साथ धर्म सभा, मातृ सम्मेलन व वृहद भंडारा का आयोजन किया गया। श्रद्धालु भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। संगीत मंडली अनिल दास, मनमोहन चौबे, किशन दास, अमर नायक, विद्याधर महाराणा, दीप सुन्दर महापात्र, सनातन धल व अन्य कई नाचते गाते दिखे। महिलाओं की उपस्थिति में कार्यक्रम में चार चाँद लग गया। महिलाओं ने ठाकुर के जीवन पर प्रकाश डाले तथा मंदिर के विकास में सहयोग का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से चन्द्रमोहन महतो, विद्याधर महाराणा, सदाशिव महापात्रा, आर के सिन्हा, श्वेता सिन्हा, माला बोस, तृप्ती मुखर्जी, सुनीता दास, सावित्री देवी, शिप्रा भगत, द्रौपदी पात्रो, पार्थो सारथी दिगार, कोकिल भंज, राम जीवन बेहरा, अमर नायक, पूरन भाई, अमित भाई, कविता बेहरा, आदि।
सुजाता गिरि देव, स्मिता बेहरा, यमुना महापात्र, दीप सुन्दर महापात्रा, सनातन धल, गौरांग साहू, डॉ प्रताप नायक, केवल चन्द्र साहू , प्रसन्न कुमार डे, कपिलेश्वर दोंगा, गोपाल नाग, सुलेखा हलदर, शिवेश कुमार ठाकुर, रश्मिता मुखर्जी, मनोरमा मुखर्जी, माला बोस, कविता घोष, महेंद्र शर्मा, श्रवण कुमार पांडेय व् अन्य उपस्थित थे।
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