सरना धर्म कोड लागू करने को लेकर आदिवासी समुदाय का प्रदर्शन
फिरोज आलम/जोनामोड़ (बोकारो)। आदिवासी सेंगेल अभियान के बोकारो जिलाध्यक्ष सुखदेव मुर्मू ने बीते 18 अक्टूबर को एक भेंट में कहा कि भारत के लगभग 10 प्रतिशत आबादी आदिवासी हैं, जो अधिकांश हिंदू, मुसलमान, ईसाई आदि नहीं है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी मूलतः प्रकृति के साथ जीते हैं और प्रकृति की पूजा करते हैं। उनको संविधान सम्मत धार्मिक मान्यता देना- लेना लाजिमी है। अतएव आदिवासी सेंगेल अभियान ने सरना धर्म कोड की मान्यता मांग आंदोलन को अंत तक ‘करो या मरो’ की तर्ज पर निर्णायक बनाने का निर्णय लिया है।
जिलाध्यक्ष मुर्मू ने कहा कि भारत सरकार आगामी 20 नवंबर तक फैसला करें अन्यथा 30 नवंबर को झारखंड, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, आसाम के 5 प्रदेशों में रेल, रोड चक्का जाम को सेंगेल मजबूर है।
इसे लेकर सरना धर्म कोड आंदोलन को व्यापक और तीव्र बनाने के लिए झारखंड की राजधानी रांची में 18 अक्टूबर को जोरदार धरना प्रदर्शन करने में शामिल होने के लिए बोकारो जिला के चास, चंद्रपुरा, पेटवार, नवाडीह, कसमार, गोमियां, जरीडीह और बेरमो प्रखंड से सेंगेल प्रतिनिधि और हजारों आदिवासी धरना प्रदर्शन में रांची स्थित गांधी वाटिका मोरहाबादी मैदान में शामिल हुए।
206 total views, 1 views today