प्रहरी संवाददाता/मुंबई। विद्याविहार पूर्व में स्थित केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, क. जे. सोमैया परिसर में भारत रत्न व भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जयंती तीन दिवसीय शिक्षक दिवस चाणक्य सभागार में मनाया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संस्था के पूर्व संस्थापक, प्राचार्य व व्याकरण के प्रोफेसर प्रकाशचन्द्र को प्रशस्ति प्रमाणपत्र व शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शिक्षक धर्म की मर्यादा पर प्रकाश डाला।
शिक्षक दिवस समारोह में सारस्वत अतिथि के रूप में आई. क्यू. एस. सी., निदेशक व जयपुर शिक्षा शास्त्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुदेश कुमार शर्मा ने गुरु का प्रत्येक शिष्य के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है, विषय पर अपने विचारों रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मी निवास पाण्डेय ने किया।
उन्होंने अपने बचपन से लेकर उच्च शिक्षा देने वाले गुरुओं के विचारों पर अपनी भावना को व्यक्त किया। इस अवसर पर ज्योतिष विभाग के प्रो. भारत भूषण मिश्र, कार्यक्रम के संयोजक व व्याकरण विभाग के प्रो. बोध कुमार झा तथा डॉ. इन्द्र कुमार मीना, शिक्षाशास्त्र के डॉ. वी. एस.वी. भास्कर रेड्डी, आदि।
डॉ. कुमार एवं डॉ. एस. कृष्णा तथा डॉ. दशरथ भरासागर, साहित्य के डॉ. धीरज कुमार मिश्र एवं डॉ. सोमेश बहुगुणा, ज्योतिष विभाग के डॉ. भरत गर्ग एवं डॉ. जी. सागर रेड्डी, हिन्दी की डॉ. गीता दूबे, मराठी की डॉ. मिनाक्षी बरहाटे ने गुरु ज्ञान के बारे में अपने-अपने विचारों को व्यक्त किया।
कार्यक्रम अवसर पर स्वागत सम्मान गीत (Welcome on the occasion song) परिसर के छात्रों द्वारा तथा धन्यवाद शिक्षाशास्त्र के डॉ. दशरथ भरासागर के द्वारा किया गया, मंच संचालन डॉ. कुमार भट्ट ने किया। शिक्षक पर्व के अवसर पर सभी शिक्षक, कर्मचारी व छात्र उपस्थित थे।
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