सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में टाटा स्टील फाउंडेशन नोवामुंडी के सहयोग से ग्रामीण किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती को बढ़ावा देने को लेकर पौधा तथा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे किसानों में स्ट्रॉबेरी की खेती के प्रति जागरूकता देखी जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नोवामुंडी एवं काटामाटी के (क़ानूपुर, कॉन्ड्रा, कुटरपोसी, सरबिल, रेंगारबेड़ा, बेतेरकिया, नोवामुंडी बस्ती आदि) गांवों में पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती देखी जा रही है। इस खेती को करने में किसान अपनी रुचि भी दिखा रहे हैं। स्ट्रॉबेरी की खेती ग्रामीण क्षेत्रों में काफी पसंद किया जा रहा है।
इसकी खेती से किसानों को आय की बढ़ोतरी तो होगी ही साथ ही इसके सेवन से वे अपने शरीर को स्वस्थ भी रख सकते हैं। यह शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है जैसे आंखों की रोशनी, कैंसर, हृदय संबंधित समस्या तथा दिल की बीमारी, डायबिटीज आदि बीमारियों को दूर करने में यह सहायक है।
यह बाजारों में बिकने वाली महंगी और आकर्षक फल है। जिसकी खेती किसानों को कम मेहनत और सही देखभाल से अधिक मुनाफा दे सकती है। रहिवासियों में स्ट्रॉबेरी की खेती के प्रति रुचि को देखते हुए टाटा स्टील फाउंडेशन नोवामुंडी द्वारा काटामाटी एवं नोवामुंडी के कुल 100 किसानों को स्ट्रॉबेरी के पौधे वितरण किये गये।
साथ हीं स्ट्रॉबेरी से संबंधित जानकारी के लिए अलग-अलग गांव में बैठक के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिए गये, तथा किसानों को विस्तार से इस खेती से जुड़े फायदे की जानकारी भी दी गयी है। इस प्रकार टाटा स्टील फाउंडेशन ग्रामीण किसानों की आजीविका को बढ़ाने में निरंतर प्रयास कर रही है।
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