एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में गोमिया प्रखंड के सुदूरवर्ती पंचायत धवैया में बीते 6 अक्टूबर को मॉब लिंचिंग कर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता एवं गांव के सदर इमरान अंसारी की हत्या मामले को लेकर 19 अक्टूबर को ऑल इंडिया तंजीम ए इंसाफ की बैठक आयोजित किया गया। बैठक जरंगडीह स्थित सीटू कार्यालय में आयोजित किया गया। अध्यक्षता हाशिम अंसारी एवं निजाम अंसारी ने संयुक्त रूप से की।
बैठक में इंसाफ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं झारखंड प्रभारी इफ्तेखार महमूद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में स्वतंत्रता आंदोलन के लक्ष्य को समाप्त करने का काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता, सांप्रदायिक सद्भावना और आर्थिक रूप से समाज के अत्यंत पिछड़े वर्ग का विकास स्वतंत्रता आंदोलन के बुनियादी लक्ष्य थे। किंतु आज साम्प्रदायिक तनाव और समाज के अति संपन्न लोगों का विकास होते देखा जा रहा है। महमूद ने कहा कि “फूट डालो राज करो” का काम अंग्रेज शासन में होता था, किंतु अब तो अंग्रेज नहीं है। तब फिर देशवासियों के बीच फूट डालने का काम कौन कर रहा है। यह हम सब देख रहे हैं।
महमूद ने कहा कि धवैया के सदर इमरान अंसारी पंचायत के सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और नेक इंसान थे। उनकी हत्या से धवैया के आम रहिवासियों को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इमरान को धमकी देकर हत्या की गई है। ग्रामीण क्षेत्र में इमरान की हत्या से शुरू हुई खूनी खेल को पुलिस की कठोर किंतु निष्पक्ष कार्रवाई से ही रोकी जा सकती है। उन्होंने कहा कि इमरान की हत्या में साजिश का उदभेदन होना चाहिए।
बैठक में शेर मोहम्मद, महताब आलम, शमशुल अंसारी, मिनहाजुल आबेदीन, परवेज राजू, असगर अली, अकबर अली, अनवर रफी, खुर्शीद आलम, एनामुल हक, मोहिद्दीन आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
मौके पर सभी वक्ताओं ने हत्या की साजिश का खुलासा करने की मांग बोकारो जिला प्रशासन से किया। वक्ताओं ने उक्त मामले में गोमियां के सर्वदलीय समिति की पहल की प्रशंसा की।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि हत्या में संलिप्त सभी अभियुक्तों की यदि अविलंब गिरफ्तारी नहीं होती है और साजिश का खुलासा नहीं किया जाता है तो इंसाफ मंच सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होगी।
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