घर बैठे रिपोर्ट भेजने से हजारों किसान मुआवजा से हुए बंचित-सुरेन्द्र
एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। करीब तीन महीने से वर्षा से जलमग्न समस्तीपुर (Samastipur) के ताजपुर प्रखंड के खेतों में किसानों के लहलहाती फसल पुरी तरह से बर्बाद हो गया।
खेतो में जल जमाव से सब्जी मसलन नेनुआ, परवल (पटल), करैला, कद्दू, टमाटर, बैगन, झिगनी, मूली, खीरा, मिर्ची, घुरमा, गोभी समेत केला, मक्के आदि की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गया।
बाबजूद इसके 9 अगस्त को बैठक कर कृषि समन्वयकों ने अतिवृष्टि से फसल क्षति का शून्य रिपोर्ट बनाकर जिला कृषि पदाधिकारी के माध्यम से सरकार (Government) को भेजे जाने से किसानों को फसल क्षति के मुआवजा मिलने के रास्ते बंद होने से गुस्साए बड़ी संख्या में किसानों ने 12 अगस्त को समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर प्रखंड के मोतीपुर खैनी गोदाम से विरोध मार्च निकाला।
इस दौरान अखिल भारतीय किसान महासभा से संबंधित किसानों ने अपने-अपने हाथों में मांगों से संबंधित नारे लिखे तख्तियां, झंडे, बैनर लिए जुलूस की शक्ल में नारे लगाते हुए बाजार क्षेत्र के गांधी चौक पहुंचा।
जहाँ जुलूस सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता महासभा के ताजपुर प्रखंड अध्यक्ष ब्रहमदेव प्रसाद सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रभात रंजन गुप्ता, जीतेंद्र सहनी, कुशेश्वर शर्मा, संजीव राय, अमर कुमार सिंह, रवींद्र प्रसाद सिंह, राजदेव प्रसाद सिंह, शंकर सिंह, बासुदेव राय, दिनेश सिंह, ललन दास,
श्याम दास, मोतीलाल सिंह, जयदेव सिंह, मकसुदन सिंह, महावीर सिंह, उपेंद्र शर्मा, मंजीत कुमार, बिन्देश्वर राय, धनिक लाल मंडल, विश्वजीत कुमार, चंदन कुमार, दिनेश राय, मुकेश राय, लालू राय, रामसकल राय, देवन दास आदि ने सभा को संबोधित किया।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रखंड अध्यक्ष ब्रहमदेव प्रसाद सिंह ने कहा कि करीब संपूर्ण ताजपुर प्रखंड के खेतों में वर्षा जल भरा हुआ है। यह सर्वविदित है। भाकपा माले ने सीओ, बीडीओ, नप पदाधिकारी को खेतों से जलनिकासी के लिए पत्र भी दे चुकी है।
बाबजूद इसके खेतों का निरिक्षण कर रिपोर्ट बनाने के बजाय कृषि समन्वयक घर बैठे ही अति वृष्टि से फसल क्षति का रिपोर्ट शून्य बनाकर सरकार को भेज दिया। किसान नेता ने कहा कि यह अन्नदाता के खिलाफ अन्याय है और किसान महासभा इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी।
उन्होंने मांग किया कि कृषि पदाधिकारी जल्द अपने नेतृत्व में कृषि समन्वयकों की बैठक बुलाकर रिपोर्ट को सुधार कर पुनः सरकार को भेजें, ताकि किसनों को फसल क्षति मुआवजा मिल सके। अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन चलाया जाएगा।
मौके पर भाकपा माले प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि किसानों की योजना में भ्रष्टाचार नहीं सहेंगे। पशुपालकों के बजाय गैर पशुपालकों को फर्जी रूप से पशु शेड देकर प्रखंड में करोड़ों- करोड़ रूपये की लूट जारी है।
थाना के समक्ष बने 35 लाख के नाले से एक बूंद भी जलनिकासी नहीं हुआ। यह प्रखंड में भ्रष्टाचार की चरम सीमा को दर्शाता है।
माले नेता सिंह ने किसानों समेत अन्य दलों एवं संगठनों से आगे आकर भ्रष्टाचार समेत किसानों की लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाने की अपील की। मौके पर गुस्साए किसानों ने कृषि समन्वयक का पूतला फूंक कर विरोध जताया।
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