स्वामी विवेकानंद विश्व स्तर के महान संत के रूप में जाने जाते हैं-प्राचार्या
सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में गुवा स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में 12 जनवरी को ज्ञानपुंज स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्या सहित शिक्षकों व् स्कूली बच्चों द्वारा स्वामी विवेकानंद को याद किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय सभागार में स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए युवा दिवस के रूप में जयंती मनाई गई। प्रार्थना सभा में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल के प्राचार्या उषा राय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद विश्व स्तर के एक महान संत के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने बच्चों को बताया कि स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है।
वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में भाषण देने के लिए उन्हें 2 मिनट का समय दिया गया था। उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण का आरम्भ मेरे अमेरिकी बहनों एवं भाइयों के साथ करने के लिये जाना जाता है। उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने उनकी पहचान बना दी।
विद्यालय के वरीय इतिहास शिक्षक पी के आचार्या ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी सन् 1863 को (विद्वानों के अनुसार मकर संक्रान्ति संवत् 1920) को कलकत्ता में एक कुलीन कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके बचपन के घर का नाम वीरेश्वर रखा गया, किन्तु उनका औपचारिक नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था।
पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे।
कार्यक्रम में स्कूल के वरीय इतिहास शिक्षक पी के आचार्या साथ-साथ अन्य शिक्षक शिक्षिका उपस्थित थे। मौके पर विद्यालय के बच्चों में स्वामी विवेकानंद जयंती को लेकर विशेष हर्ष देखा गया।
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