स्वामी दयानंद सरस्वती, देशभक्त, महान चिंतक और समाज-सुधारक थे-प्राचार्य डॉ मनोज कुमार
1000 बच्चों ने वैदिक मंत्रोच्चारण कर महर्षि दयानंद सरस्वती को याद किया
एस. पी. सक्सेना/जमशेदपुर (झारखंड)। झारखंड एवं उड़ीसा के सीमांकन पर स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा में 26 फरवरी को स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती पूरे धूमधाम से मनाई गई।
इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार की अध्यक्षता में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन कर जनकल्याण एवं समाज के उत्थान की कामना की गई। साथ ही यूक्रेन में फंसे भारतीयों तथा अध्ययनरत बच्चों की सुरक्षा के लिए हवन आहुति के माध्यम से उनके कल्याण की कामना एवं सुरक्षा की कामना की गयी।
इस अवसर पर करीब 1000 बच्चों ने स्कूल के धर्म शिक्षक आशुतोष शास्त्री एवं राजवीर सिंह के साथ वैदिक मंत्रोच्चारण कर स्वामी महर्षि दयानंद सरस्वती को याद किया।
कार्यक्रम के अगले चरण में महर्षि दयानंद सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर सभी शिक्षकों ने प्राचार्य डॉ मनोज कुमार की अध्यक्षता में महर्षि दयानन्द को नमन व बारी-बारी से पुष्प अर्पण किया। मौके पर स्कूल के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती प्रतिवर्ष 26 फरवरी को मनाई जाती है।
अतः आज का दिन हर दृटिकोण से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी 1824 को हुआ था।स्वामी दयानंद सरस्वती न केवल आर्य समाज के संस्थापक थे, बल्कि वे देशभक्त होने के साथ-साथ महान चिंतक और समाज-सुधारक भी थे। उन्होंने समाज की तरक्की के लिए कई बड़े-बड़े कार्य किए।
बाल विवाह, सती प्रथा जैसी कुरीतियों को दूर कर समाज को नई दिशा दिखाई। इन कुरीतियों को दूर करने के लिए उन्होंने वेदों का प्रमाण दिया। आज के युवा जागरूक हैं। उन्हें स्वामी दयानंद सरस्वती के अनमोल विचारों को पढ़ना चाहिए।
स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती पर धर्म शिक्षक आशुतोष शास्त्री ने स्वामी जी के अनमोल विचारो के साथ डीएवी संस्था के संस्थापक स्वामी जी से बच्चों को मार्गदर्शित किया।
कार्यक्रम के समायोजन एवं आयोजन में स्कूल के सभी शिक्षकों में शिक्षक सत्येंद्र राय, शशि भूषण तिवारी, नीलम सहाय, दीपा राय, एस के पांडेय, वी लता रानी, दीपू मणि पान, ज्योति सिन्हा, भास्कर चंद्र दास, जय मंगल साव व अन्य कई शामिल थे।
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