मनसा वाचा, कर्मणा कामगारों और कंपनी हित के लिए समर्पित थे श्रमिक नेता
प्रहरी संवाददाता/फुसरो (बोकारो)। मनसा वाचा और कर्मणा कोयला कामगारों और कंपनी हित के लिए आजीवन समर्पित महान श्रमिक नेता जनता मजदूर संघ सीसीएल के रीजनल सचिव स्वर्गीय सुर्यनाथ सिंह की आठवीं पुण्यतिथि आगामी 28 अक्टूबर को मनायी जाएगी।
बोकारो जिला के हद में फुसरो नप के करगली स्थित महिला मंडल (कल्याण मंडप) में 10 बजे से दोपहर 2 बजे दिन तक दिवंगत सुर्यनाथ सिंह की पुण्यतिथि मनाई जाएगी।
इस अवसर पर कई माननीय, जन प्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि, नगर परिषद के पदाधिकारी और प्रतिनिधि, सीसीएल के अधिकारी, क्षेत्र के बुद्धिजीवी और काफी संख्या में श्रमिक उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में पुष्पांजलि के साथ-साथ नि:शुल्क चिकित्सा शिविर, सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होगा।
उक्त जानकारी स्वर्गीय सुर्यनाथ सिंह के जेष्ठ पुत्र पत्रकार नंद कुमार सिंह उर्फ नंदू ने दी। ज्ञातव्य हो कि, स्वर्गीय सुर्यनाथ बाबू राष्ट्र हित, श्रमिक हित और कंपनी हित के लिए आजीवन प्रयासरत रहे।
उन्होंने भ्रष्टाचारियों का विरोध करने के साथ उनके विरुद्ध कार्रवाई कराने का भी काम किया। वे ना सिर्फ बेरमो कोयलांचल बल्कि संपूर्ण सीसीएल और बीसीसीएल में अपने नि:स्वार्थ सेवा कार्य के लिए विख्यात थे।
कहा जाता था कि जिस श्रमिक का कोई सहारा नहीं होता था वह श्रमिक सूरजनाथ बाबू के पास जाता था और उन से भरपूर सहयोग पाता था। उसको वाजिब हक दिलाने के लिए वे सकारात्मक प्रयास करते थे। दूसरी ओर कंपनी और राष्ट्र का अहित करने वाला चाहे कोई अधिकारी हो या संवेदनशील पदों पर कार्यरत कामगार।
जब भी कोई मामला उनके संज्ञान में आता था तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करवाने का काम करते थे। कई भ्रष्ट कामगार, कुछ महाप्रबंधक और पीओ भी सूरज नाथ बाबू के भ्रष्टाचार निरोधक कार्य का शिकार हुए। वे ना तो कभी भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्य करने से रूके और ना ही किसी प्रकार के दबाव में झुके।
श्रमिक नेता बिंदेश्वरी दुबे, राम सुंदर दास, रामदास सिंह, बसावन सिंह, मिथिलेश कुमार सिन्हा और सूर्यदेव सिंह के यूनियन मे रहकर उन्होंने मजदूर हित में उन्होंने काम किया था। हिंद मजदूर सभा बिहार और झारखंड के वे कई वर्षों तक प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। जनता पार्टी और भाजपा में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। बाद में स्वर्गवास होने के पूर्व तक जनता मजदूर संघ सीसीएल के रीजनल सचिव पद पर बने रहे।
स्वर्गीय सुर्यनाथ बाबू ने झाविमो के वरीय नेता के रूप में बेमिसाल कार्य किया। सिंह ने अपना अंतिम प्रेस विज्ञप्ति मे करगली वाशरी में भ्रष्टाचार, लापरवाही का खुलासा किया था। साथ ही रिजेक्ट कोयला की अवैध उठाव कर 85 करोड़ रूपये का मामला उजगार किया था।जिसमे 2 कामगार को बर्खास्त किया गया था। उस वक्त के महाप्रबंधक और परियोजना पदाधिकारी को स्थानांतरित कर दिया गया था।
आज मजदूर मसीहा, मजदूरों के बीच सदैव अपने विचारों के कारण अमर रहेगे। वर्तमान श्रमिक संगठनों के नेताओं को भी उनकी इस बात से प्रेरणा मिलते रहेगी कि “जो श्रमिक नेता, श्रमिक हित का काम करेगा, श्रमिक के बीच में रहेगा और उसके सुख दु:ख में शामिल होगा। वह श्रमिक नेता हमेशा आगे बढ़ते रहेगा।
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