एस. पी. सक्सेना/वैशाली (बिहार)। मुजफ्फरपुर के पूर्व सांसद बृज बिहारी हत्याकांड में लालगंज के पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला समेत दो आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाई गयी है। मामले में सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने सूरजभान और 5 आरोपीयों को दोषमुक्त पाते हुए बरी कर दिया हैं।
ज्ञात हो कि वर्ष 1998 में मुजफ्फरपुर के पूर्व सांसद व् बिहार सरकार के मंत्री बृज बिहारी की हत्या कर दी गयी थी। बृज बिहारी की हत्या फिल्मी स्टाइल में बिहार की राजधानी पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में घुसकर की गयी थी।
बिहार के पूर्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में 3 अक्टूबर को फैसला आया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं इस मामले में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, राजन तिवारी समेत 6 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। इससे पूर्व पटना हाईकोर्ट ने वर्ष 2014 में सभी 8 आरोपियों को बरी कर दिया था।
इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री की पत्नी और भाजपा नेत्री रमा देवी और सीबीआई ने भी पटना हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने बीते 21 और 22 अगस्त को सुनवाई पूरी करते हुए आदेश को सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दिवंगत बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी और पूर्व सांसद रमा देवी ने कहा है कि वे कोर्ट और सरकार को साधुवाद देती है।
ज्ञात हो कि, बिहार के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद की हत्या वर्ष 1998 में उस समय कर दी गई थी जब वे आईजीआईएमएस में इलाज के लिए भर्ती थे। निचली अदालत ने वर्ष 2009 में 8 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद मामला पटना उच्च न्यायालय के विचाराधीन आया था, जिसमें उपरोक्त आरोपियों को बरी कर दिया गया था। जिसे लेकर पीड़िता व् सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के निर्णय को चुनौती दी थी।
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