बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर सप्लाई मजदूरों का पीएच कार्यालय पर घेराव

प्रबंधन के साथ वार्ता में आश्वासन के बाद घेराव आंदोलन समाप्त

राजेश कुमार/बोकारो थर्मल (बोकारो)। बकाया वेतन भुगतान आदि की मांग को लेकर डीवीसी बोकारो थर्मल प्लांट में कार्यरत सप्लाई मजदूरों ने 16 जनवरी को प्लांट के अंदर परियोजना प्रधान कार्यालय का घेराव आंदोलन किया। प्रबंधन के साथ सकारात्मक वार्ता व् आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की गयी। नेतृत्व भाजपा बोकारो जिलाध्यक्ष भरत यादव कर रहे थे।

जानकारी के अनुसार सभी सप्लाई मजदूर बायोमेट्रिक उपस्थिति का विरोध कर रहे थे। साथ ही बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले मजदूरों का काटा गया एक माह का मासिक वेतन भुगतान करने की मांग कर रहे थे। बताया जाता है कि आक्रोशित सप्लाई मजदूरों ने प्लांट के अंदर संयुक्त मोर्चा के बैनर तले परियोजना प्रधान के कक्ष का घेराव करते हुए मुख्य द्वार में बैठ गए और लाॅबी को जाम कर प्रबंधन विरोधी नारे लगाए।

सप्लाई मजदूरों के आंदोलन को देखते हुए प्रभारी परियोजना प्रधान सह मुख्य अभियंता सुदीप्तो भट्टाचार्य के पहल पर स्थानीय प्रबंधन और संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई। जिसमे कोलकाता मुख्यालय के सक्षम अधिकारियों को दुरभाष पर वस्तुस्थिति की जानकारी देने के बाद डीवीसी बोकारो थर्मल के उप महाप्रबंधक बी.जी. होल्कर ने संयुक्त मोर्चा के नेताओं को आश्वस्त किया कि सप्लाई मजदूरों के लंबित मासिक वेतन का भुगतान अविलंब किया जायेगा।

स्वास्थ्य परीक्षण और सुरक्षा के नाम पर अनावश्यक कारवाई नहीं होगी और लंबित मामलों पर मुख्यालय प्रबंधन नव नियुक्त डीवीसी चेयरमैन से विचार-विमर्श कर करेगा। वार्ता के बाद घेराव आंदोलन स्थगित कर दिया गया।

वार्ता में संयुक्त मोर्चा का पक्ष रखते हुए डीवीसी ठेका मजदूर संघ के महामंत्री सह भाजपा जिलाध्यक्ष भरत यादव ने कहा कि, त्रिपक्षीय समझौता के तहत चार वर्ष बाद भी सप्लाई मजदूरों को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल मे कैशलेश चिकित्सा सुविधा और कार्य अवधि में मृत सप्लाई मजदूरों के आश्रितों को नियोजित करने का मामला स्थानीय एवं मुख्यालय स्तर पर लागातार उठाने के वावजूद भी प्रबंधन की टालमटोल निति के कारण लंबित है।

स्वास्थ्य परीक्षण की आड़ में सप्लाई मजदूरों को शारीरिक रूप से अयोग्य ठहराने का षडयंत्र किया जा रहा है। कहा कि त्रिपक्षीय समझौता के अनुसार अगर चिकित्सा सुविधा मिला होता तो कोई भी सप्लाई मजदूर शारीरिक रूप से अयोग्य नहीं होता। लेकिन समझौता के अनुसार लंबित मामलों का समाधान करने के बजाय प्रबंधन द्वारा नए नए फरमान के तहत वेतन रोक कर बायोमेट्रिक उपस्थिति के तहत दबाव बनाया जा रहा है।

इसलिए मजदूरों में भारी आक्रोश है। अंततः यादव के नेतृत्व में उपस्थित संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधियों ने स्थानीय प्रबंधन को स्पष्ट कहा कि, लंबित मामलों पर प्रबंधन का कृत कारवाई के अनुसार बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने पर विचार किया जायेगा।

तत्पश्चात स्थानीय प्रबंधन के आग्रह पर परियोजना प्रधान के कक्ष का धेराव संयुक्त मोर्चा ने तत्काल स्थगित करने की घोषणा की। इस अवसर पर ब्रजकिशोर सिंह, नवीन पाठक, गणेश राम, रघुवर सिंह सहित दर्जनों मजदूर उपस्थित थे।

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