नोवामुंडी कॉलेज के छात्रों ने बालिझोर ग्राम पंचायत का किया भ्रमण

छात्रों को पुस्तकीय ज्ञान के साथ व्यावहारिक ज्ञान भी जरूरी-प्राचार्य

सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में नोवामुंडी कॉलेज के छात्रों ने 14 मई को बालिझोर ग्राम पंचायत का भ्रमण किया।

कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोजित विश्वास के निर्देशानुसार राजनीति विज्ञान विभाग के व्याख्याता डॉ मुकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में उनके सहयोगी शिक्षक डॉ क्रान्ति प्रकाश के साथ छात्र- छात्राओं को पंचायती राज व्यवस्था की व्यवाहारिक जानकारी देने हेतु बालिझोर ग्राम पंचायत कार्यालय का एक दिवसीय भ्रमण कराया गया।

भ्रमण प्रस्थान से पूर्व प्राचार्य डॉ विश्वास ने कहा कि छात्रों को पुस्तकीय ज्ञान के साथ व्यावहारिक ज्ञान भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह भ्रमण छात्र- छात्राओं को ग्रामीण शासन प्रणाली को नजदीक से जानने का अवसर प्रदान करेगा। कहा कि यह भ्रमण छात्रों के लिए भविष्य निर्माण की दिशा में एक ठोस कदम है। प्राचार्य ने जानकारी देते हुए कहा कि छात्रों को भविष्य में भी अन्य पंचायतों का भ्रमण कराने की उनकी योजना है।

जानकारी के अनुसार छात्रों के पंचायत कार्यालय पहुंचने पर पंचायत के मुखिया रवि सामड़, उप मुखिया संचिता लकड़ा, डुका साई के मुंडा घसुवा बारजो सहित अन्य वार्ड सदस्यों ने कॉलेज के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं का स्वागत किया।

ग्रामीण मुंडा घसुवा बारजो ने इस पहल को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह पहली बार है जब किसी शैक्षणिक संस्था ने इस क्षेत्र में पंचायत सचिवालय का औपचारिक शैक्षणिक भ्रमण किया है। इससे न केवल विद्यार्थियों को पंचायत की कार्यप्रणाली समझने में सहायता मिलेगी, बल्कि पंचायत प्रतिनिधियों को भी अपने कर्तव्यों के प्रति अधिक सजग होने की प्रेरणा मिलेगी।

छात्रों द्वारा किए गए सभी प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर देते हुए मुखिया रवि सामड़ ने बताया कि ग्राम पंचायत के माध्यम से पानी, बिजली, सड़क, नाली निर्माण, शौचालय योजना, आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल भवन निर्माण, वृद्धा एवं विधवा पेंशन योजना तथा प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे कार्यों का संचालन किया जाता है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार गाँव में जलापूर्ति के लिए जलमीनार, सोलर मोटर पंप तथा हैंडपंप की व्यवस्था की गई है।

बिजली आपूर्ति के संदर्भ में बताया कि सरकारी योजनाओं के अंतर्गत अधिकांश घरों में बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। सड़कों के निर्माण हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कच्ची और पक्की सड़कों का निर्माण कराया गया है, जिससे ग्रामीणों को आने-जाने में सुविधा हो रही है। मुखिया ने यहां के आंगनबाड़ी केंद्रों के विषय में बताया कि गर्भवती महिलाओं एवं छोटे बच्चों को पोषण आहार, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण आदि की सुविधाएं पंचायत की निगरानी में नियमित रूप से दी जा रही हैं।

इसके साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी पंचायत की सक्रिय भूमिका रही है। उन्होंने हाट बाजार कर व्यवस्था, राज्य सरकार से प्राप्त अनुदानों का उपयोग आदि की भी जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को बताया कि पंचायत सामाजिक समस्याओं जैसे डायन प्रथा, गुटखा- पान की लत आदि के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाती है।

साथ ही गाँव में होने वाले छोटे- मोटे झगड़ों का निपटारा भी पंचायत स्तर पर किया जाता है, जिससे न्याय त्वरित और सुलभ हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से प्रत्येक पंचायत में ज्ञान केंद्र (पुस्तकालय) की स्थापना की गई है, जहाँ कक्षा 1 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए किताबें उपलब्ध कराई गई हैं। पंचायत सदस्यों के साथ बैठक के बाद छात्रों ने अनुभव किया कि पंचायती राज व्यवस्था केवल प्रशासनिक इकाई नहीं, बल्कि यह ग्रामीण विकास और लोकतांत्रिक सहभागिता की आत्मा है। मौके पर कॉलेज के शिक्षकों के साथ उपस्थित छात्र- छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भागीदारी निभाते हुए पंचायती राज व्यवस्था की जमीनी हकीकत से परिचित होकर प्रसन्न नजर आए।

 

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