ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। सांस्कृतिक संस्था आईना की ओर से 4 फरवरी को गिरिडीह जिला के हद में पीरटांड़ प्रखंड अंतर्गत मधुबन में जल संरक्षण विषय पर एक नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कलाकारों ने स्थानीय रहिवासियों और देश के विभिन्न हिस्सों से आए जैन धर्मावलंबियों, यात्रियों को जल संरक्षण के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर रहिवासियों को नाटक के माध्यम से बताया गया कि पानी बचाना हमारा नैतिक धर्म है। हमें अपने नैतिक धर्म का निर्वहन करना चाहिए और पानी को बहने से रोकना चाहिए। कलाकारों द्वारा बताया गया कि पानी है तो कल है। अभी एक महीने के बाद गर्मी का मौसम आ जाएगा। तब पानी की आवश्यकता बढ़ जाएगी।
नाटक के माध्यम से कलाकारों ने बताया कि बरसात का पानी चार महीना बाद आता है। वह पानी जो अंडर ग्राउंड वाटर बन जाता है। उसी पानी का इस्तेमाल हम लोग शेष महीने तक करते हैं। इन महीनों में हमें ग्राउंड लेवल वाटर का सही इस्तेमाल करना चाहिए तथा पानी को बहने से रोकना चाहिए। नाटक में दिखाया गया कि अगर कहीं नल का पानी बह रहा है तो उसे बंद करना अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक कलाकारों में अतुल लाभ, राहुल कुमार, तरुण सिंह, प्रगति वर्मा और निर्देशक महेश अमन थे। नुक्कड़ नाटक के अंत में सभी दर्शकों को पानी बचाने से सम्बंधित शपथ दिलाई गई। रहजवासियो ने नारा लगाया कि पानी बहे न कल-कल,जानो पानी से है कल।
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