एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। रि-जेनरेटिव बिहार मिशन के तहत ग्रीन वसुधा फाउंडेशन एवं सामग्र सेवा के सयुंक्त तत्वधान से लोक पंच पटना की ओर से लगातार जगह जगह नुक्कड़ नाटक कातिल खेत का प्रदर्शन किया जा रहा है।
इसी कड़ी में बिहार के समस्तीपुर के दो स्कूल, समस्तीपुर एवं बेगूसराय के चार अलग अलग गाँव में दो दिवसीय नुक्कड़ नाटक कातिल खेत का मंचन किया किया गया। जिसका उदेश्य परिवार के स्वास्थ खेती में होने वाले खर्च को कैसे कम किया जा सके।
प्रस्तुत नाटक कातिल खेत के रचयिता इस्तेयाक अहमद एवं मनीष महिवाल के निर्देशन में कातिल खेत नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति की गई। कलाकारों नें अभिनय के जरिये उपस्थित दर्शकों को बताया कि खेत में रासयनिक खाद का प्रयोग करने से जमीन की उर्वरा शक्ति कमजोर होने के साथ किसान कर्ज के बोझ तले दबकर अपने खेत से हाथ धो बैठते हैं।
किसानों को पोषण वाटिका, जैविक खेती के फायदे को भी बताया गया। किसान को खेत की जुताई के दौरान एक चिराग मिलता है। किसान जिन्न के बातो में आकर खेतों में रासायनिक खाद के लिए कर्ज लेते हैं।
इस नाटक के आयोजन में ग्रीन वसुधा फउंडेशन से संकेत कुमार, ऋषिकेश कुमार, राम कुमार, अंजू कुमारी, मोनि कुमारी के सहयोग से कार्यक्रम सफल रहा।
प्रस्तुत नाटक कातिल खेत में प्रमुख भूमिका में मनीष महिवाल, प्रियंका सिंह, बीना गुप्ता, गुलशन कुमार, कृष्ण यादव, अभिषेक राज, राम प्रवेश, अभिषेक बिहारी आदि कलाकारों की भूमिका सराहनीय रहा।
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