पर्यावरण दिवस पर लोक पंच द्वारा नुक्कड़ नाटक हमारी भूमि हमारा भविष्य का मंचन

एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून को बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान एसबीआई के समीप लोक पंच द्वारा नुक्कड़ नाटक हमारी भूमि हमारा भविष्य का मंचन किया गाया।

इस अवसर पर लेखक/निर्देशक मनीष महिवाल के नाटक हमारी भूमि हमारा भविष्य में दिखाया गया कि किस तरह इंसान तो इंसान जानवर भी गर्मी से परेशान है। गर्मी से बचने तथा पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहा है।

एसी तथा कूलर तक काम नहीं कर रहा है। हद तो तब हो जाती है जब एक महिला सूर्य भगवान को कोसने लगती है और कहती है, हे सूरज भगवान इतना गर्मी आप क्यों बढ़ा रहे हैं। हम इंसानों से आपकी क्या दुश्मनी है। कोई भी मेकअप लगाते हैं तो मिनटों में उतर जाता है। गर्मी कम नहीं कीजिएगा तो हम आपका पूजा करना बंद कर देंगे। वह फिर अपने पति से लड़ने लगती है।

नाटक के बीच में भविष्यवाणी की जाती है कि यमराज जी धरती पर पहुंच रहे हैं और कुछ लोगों का प्राण हर कर अपने साथ ले जाएंगे। यमराज भगवान जब धरती पर पहुंचते हैं और यहां की गर्मी से पसीना–पसीना हो जाते हैं तो चित्रगुप्त से पूछते हैं। क्या बात है चित्रगुप्त, यहां इतनी गर्मी क्यों है?

मुझे पसीना क्यों आ रहा है? चित्रगुप्त यमराज भगवान को बताता है कि प्रभु धरती के इंसान पेड़–पौधा, नदी–पहाड़ को बर्बाद कर चुके हैं। जिसके कारण यहां पर गर्मी बढ़ती जा रही है। पर यहां सभी अपने लालच में कुछ भी समझने को तैयार नहीं है।

उसके बाद यमराज भगवान आसपास के इंसानों को समझाने की कोशिश करते हैं और बताते हैं कि अगर तुम इसी तरह गलती करते रहोगे तो बहुत जल्द मुझे तुम सभी को अपने साथ यमलोक ले जाना पड़ेगा।

प्रस्तुत नाटक हमारी भूमि हमारा भविष्य में अभिनय करने वाले कलाकारो में रजनीश पांडेय, कृष्ण देव, विवेक ओझा, सोनल कुमारी, अभिषेक राज, रोहित कुमार, अरविंद कुमार एवं राम प्रवेश शामिल थे। इस नाटक के लेखक/निर्देशक मनीष महिवाल तथा प्रस्तुति लोक पंच पटना द्वारा किया गया। नाटक में अंत तक कौतूहल व् रोमांच बना रहा।

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