सीसीएल प्रबंधन गांव में फूट डालो, राज करो की नीति के तर्ज पर कार्य करती है-काशीनाथ
एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। आगामी 26 जुलाई को विस्थापित बचाओ महारैली को सफल बनाने के लिए 20 जुलाई को विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में करगली में कार्यकारी अध्यक्ष काशीनाथ केवट की अध्यक्षता में संपन्न हुई। समिति के नेताओं ने एक स्वर से कहा कि सीसीएल प्रबंधन (CCL Management) वर्षो से रैयतों पर मनमानी करती आ रही है।
बैठक में उपस्थित विस्थापित नेताओं ने कहा कि पिछरी खदान के विस्थापितों को नौकरी एवं 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार अधिग्रहीत जमीन का वर्तमान बाजार दर का चार गुणा मुआवजा और समुचित पुनर्वास की व्यवस्था करने और पिछरी व अंगवाली कोलियरी चालू करना होगा।
झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के कानून के मुताबिक 75 प्रतिशत विस्थापितों को आउटसोर्स कंपनियो में रोजगार देना होगा। कहा गया कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो अब यहाँ के विस्थापित करो या मरो की तर्ज पर भीषण संघर्ष करेंगे।
काशीनाथ सिंह ने कहा कि बेरमो अनुमंडल में कोलियरियों के निर्माण और विस्तार के लिए यहाँ के किसानों ने अपनी पुश्तैनी जमीन दिया, लेकिन जनविरोधी प्रबंधन रैयतों को जमीन के बदले नौकरी मुआवजा देने क़े बजाय गाँव में फूट डालो राज करो की चाल चल रहा है।
समिति के महासचिव काशीनाथ केवट ने मुख्यमंत्री से विस्थापन आयोग गठन करने की माँग करते हुए कहा कि झारखंड में विस्थापितों की समस्या के निदान के लिए राज्य में विस्थापन आयोग का बनना बहुत जरूरी है। उन्होने माँग किया कि 2013 का कानून लागू करवाने तथा कानून के मुताबिक चार गुणा मुआवजा भुगतान करवाने के लिए प्रशासन काम करें।
बिनोद महतो ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन की गलत नीतियों के चलते कोलियरियों से उजड़े विस्थापित आज खानाबदोश बने हुए हैं। यहाँ सीएनटी एक्ट भी प्रभावी है, फिर भी किसानों की जमीन लूटी जा रही है। संयुक्त महामंत्री सुरज महतो ने आगामी 26 जुलाई की विस्थापित बचाओ महारैली में भाग लेने का आह्वान किया।
मौके पर दशरथ महतो, धनेश्वर महतो, डॉ दशरथ महतो, जानकी चौधरी, सुरज पासवान, हरखलाल महतो, मनोज सिंह, जगदीश महतो, चुनीलाल केवट, ईश्वर प्रजापति आदि विस्थापित नेतागण उपस्थित थे।
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