परिपत्र को तुरंत लागू करें अधिकारी-डॉ. महेंद्र कल्याणकर
कार्यालय संवाददाता/मुंबई। लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और महिलाओं की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, बृहन्मुंबई स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (SRA) ने एक ऐतिहासिक फैसला है। परिपत्र संख्या 222 जारी कर, एसआरए द्वारा झुग्गी पुनर्वास योजना के अनुच्छेद-II में पति और पत्नी दोनों के नामों को शामिल करना अनिवार्य कर दिया है। महाराष्ट्र स्लम क्षेत्र (सुधार, सफाई और पुनर्विकास) अधिनियम, 1971 के तहत लिया गया यह निर्णय मुंबई के हजारों झुग्गीवासियों को लाभ पहुंचाएगा, जिससे पुनर्वासित घरों में पति-पत्नी के संयुक्त स्वामित्व की मान्यता सुनिश्चित होगी।
झुग्गियों की महिलाओं के संपत्ति अधिकार हुए मजबूत
गौरतलब है कि इस परिपत्र का मुख्य उद्देश्य संपत्ति के संयुक्त पंजीकरण को अनिवार्य बनाना है, ताकि महिलाओं को कानूनी अधिकार मिलें और उन्हें वैवाहिक विवाद या पति की मृत्यु की स्थिति में सुरक्षा प्राप्त हो। एसआरए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. महेंद्र कल्याणकर ने कहा, “यह पहल महिलाओं के संपत्ति अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम है। संयुक्त स्वामित्व को औपचारिक रूप देने से महिलाओं को कानूनी पहचान और सुरक्षा मिलेगी, जिससे वे अपने घरों पर पूर्ण अधिकार प्राप्त कर सकेंगी।
झुग्गीवासियों के लिए, परिपत्र को तुरंत लागू करने आदेश
यह निर्देश महाराष्ट्र सरकार के 1992, 2007, 2015 और 2022 के विभिन्न निर्णयों के अनुरूप है, जिनका उद्देश्य झुग्गीवासियों के लिए बेहतर आवासीय सुरक्षा प्रदान करना है। संयुक्त स्वामित्व को मजबूत करके, राज्य सरकार संपत्ति अधिकारों में लैंगिक समानता और शहरी गरीब समुदायों की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इस परिपत्र को तुरंत लागू करें और पुनर्वास योजना के अंतर्गत आने वाली सहकारी हाउसिंग सोसायटियों में अनिवार्य रूप से इसका पालन किया जाए। इस प्रगतिशील निर्णय के साथ, मुंबई एक अधिक समावेशी और न्यायसंगत शहरी परिदृश्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जहां सभी नागरिकों, विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की जा सके।
Tegs: #Sras-historical-decision-will-be-strengthened-by-women
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