गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। बिहार में वर्ष 2016 से लागू पूर्ण शराबबन्दी कानून के बाद से वैशाली जिले में बालू और दारू के खेल में जिले के हजारों युवकों की जिंदगियां बर्बाद हो रही है।
जानकारी के अनुसार दारू के अवैध धंधे से जुड़े धंधेबाज जेल जा रहे हैं। बाहर आकर पुनः धंधे में लग जा रहे हैं। जेल में शराब बंदी कानून के अंतर्गत गिरफ्तार कैदियों की संख्या अधिक है। इस वजह से बिहार के विभिन्न जेलों में भीड़ है।
ज्ञात हो कि, बिहार में शराब का धंधा एक ऐसा दलदल है जिसमे फंसने के बाद अधिकांश धंधेबाज बर्बाद हो रहे है। बताया जाता है कि कुछ बड़े धंधेबाज अपनी राजनीतिक पहुँच से मालामाल हो रहे हैं। इस शराब बंदी कानून की वजह से पुलिस प्रशासन में भ्रष्टाचार भी बढ़ा है। बताया जाता है कि वैशाली जिले में पदस्थापित कुछ थानेदारों के मधुर सम्बंध अवैध शराब कारोबारियों से है। ऐसे भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों ने अबतक करोड़ो में कमाई की है।
हाल में ही जिले में आये नए आरक्षी अधीक्षक रवि रंजन की कार्यप्रणाली से जिले के पुलिस महकमे में हड़कम्प मच हुया है ।जिलाधिकारी यशपाल मीणा भी जिले में अबैध बालू के परिवहन औऱ ओवर लोडिंग को रोकने की दिशा में प्रयासरत हैं।
वैशाली जिले में अवैध दारू के धंधे पर रोक लगाने के लिये आरक्षी अधीक्षक के निर्देश पर पूरे जिले में पुलिस द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। आरक्षी अधीक्षक द्वारा स्वयं पूरे जिले की कानून व्यवस्था पर नजर रखते हुए अपराधियों पर नकेल कसने के प्रयास कर रहे हैं।
अभी तक कार्य मे लापरवाही के आरोप में कई पुलिस पदाधिकारी को लाइन भी हाजिर किया गया है। हर थाना क्षेत्र में शराबऔर तारी पीने वालो पर नजर रखी जा रही है। जिले में दर्जनों शराबियों को गिरफ्तार कर रोज कोर्ट में भेजा जा रहा है। इससे शराब के अवैध धंधेबाजों में हड़कंप है।
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