सभी ट्रेनों में अब वेंडिंग के लिए ई-ऑक्शन के माध्यम से अनुबंध
प्रहरी संवाददाता/सारण (बिहार)। पूर्व मध्य रेलवे के सोनपुर मंडल के हद में विभिन्न रेल खंडों से गुजरनेवाली सभी ट्रेनों में अब खाने पीने की वस्तुओं को छोड़कर वेडिंग के लिए ई-ऑक्शन के माध्यम से अनुबंध किया गया है।
अब आप ट्रेन से कहीं जा रहे हैं और दैनिक आवश्यकता या अपने प्रियजनों के लिए गिफ्ट अगर घर पर ही भूल गए हैं, तो टेंशन न लें। क्योंकि, सोनपुर मंडल द्वारा गैर-किराया राजस्व(नॉन फेयर रेवेन्यू) के तहत अपने क्षेत्राधिकार के सभी ट्रेनों में एक अनोखा प्रयोग शुरु किया है। बताया जाता है कि इसके तहत ट्रेनों में विभिन्न वस्तुओं को रेलवे द्वारा अधिकृत वेंडर से आप खरीद सकते हैं।
यह व्यवस्था सोनपुर मंडल क्षेत्राधिकार के सभी ट्रेनों और मेल/एक्सप्रेस, पैसेंजर, डेमू/ईएमयू (वंदे भारत, राजधानी या ऐसी किसी अन्य विशेष प्रीमियम ट्रेनों को छोड़कर, जिन्हें भविष्य में शुरू किया जा सकता है) ट्रेनों की सभी श्रेणियों में वेंडिंग की अनुमति दी गई है।
इस सम्बंध में सोनपुर मंडल के जन सम्पर्क अधिकारी (पीआरओ) रंजीत कुमार ने एक फरवरी को बताया कि महिला यात्रियों के लिए सेनेटरी पैड, लैपटॉप तथा मोबाइल के सहायक उपकरण यथा चार्जर, इयरफोन, स्क्रीन गार्ड्स आदि, सौंदर्य प्रसाधन जिसमें ज्वलनशील सामग्री को छोड़कर, कृत्रिम आभूषण तथा इससे संबंधित अन्य सहायक सामान, घड़ियाँ, आदि।
किताबें और समाचार पत्र, होजरी तथा अन्य कपड़े जिसमें रूमाल, मोजे, बेड्सीट, तौलिये, प्रसाधन सामग्री जिसमें तेल, कंघी, टूथपेस्ट, टिश्यू पेपर, शो पीस, खिलौने, चप्पल, जूते, ताले, बैग्स, स्थानीय कारीगर और हस्तशिल्प उत्पाद, कोई भी स्थानीय उत्पाद इत्यादि अंकित मूल्य पर बिक्री कर सकते हैं।
पीआरओ ने बताया कि उपरोक्त सामग्री की बिक्री के लिए भी समय निर्धारित किया गया है। जो सुबह 7 बजे से संध्या 9 बजे तक यह कार्य होगा। रात्रि 9 बजे के बाद वेंडिंग की अनुमति नहीं होगी। विक्रेताओं को निर्धारित समय के बाद तुरंत रिजर्व कोच छोड़ देना होगा।
उन्होंने वेंडरों की कार्य प्रणाली का जिक्र करते हुए बताया कि
एक ट्रेन में 7 वेंडर की टीम रहेगी, जिनका एक इंचार्ज होगा। सभी रेलवे द्वारा अनुमोदित ड्रेस एवं आई कार्ड के साथ रहेंगे। इसके अलावा इनके इंचार्ज के पास एक फर्स्ट एड बॉक्स भी रहेगा। जिससे यात्री नि:शुल्क प्राथमिक उपचार की सेवा ले सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि यह प्रावधान रेलवे के गैर-किराया राजस्व के तहत किया गया है, जिससे यात्रियों को एक अलग अनुभव होगा एवं रेल राजस्व में बढ़ोतरी होगी। बताया गया कि इस प्रावधान से रेलवे को 3 वर्ष में 92 लाख रुपए के राजस्व की प्राप्ति होगी।
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