डिजिटल इंडिया की दिशा में तेज़ी से अग्रसर सोनपुर मंडल

हैंड हेल्ड टर्मिनल डिवाइस से अब रास्ते में भी मिल रही है खाली बर्थ की जानकारी

अवध किशोर शर्मा/सोनपुर (सारण)। डिजिटल इंडिया की दिशा में तेजी से अग्रसर सोनपुर रेल मंडल द्वारा ऑन-बोर्ड टिकट चेकिंग को सरल बनाने के उद्देश्य से सोनपुर मंडल से शुरू होने वाली तथा गुजरने वाली प्रमुख ट्रेनों में टीटीई को हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) से लैस किया गया है।

सोनपुर मंडल में अब तक कुल 8 जोड़ी ट्रेनों के टीटीई को एचएचटी उपलब्ध कराया गया है। उक्त जानकारी मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) सोनपुर के हवाले से 5 जनवरी को जारी विज्ञप्ति में दी गई है।

जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंडल द्वारा गाड़ी संख्या 12553 उप एवं 12554 वैशाली सुपरफास्ट, 15203/04 (बरौनी -लखनऊ- बरौनी), 02563/64(बरौनी- न्यू दिल्ली- बरौनी) क्लोन स्पेशल, 12557/58 सप्तक्रांति एक्सप्रेस, 11062/61 जयनगर- लोकमान्य तिलक टर्मिनस- जयनगर अप एवं डाउन पवन एक्सप्रेस, 15705/06 (चंपारण हमसफर), 15027/28 (मौर्य एक्सप्रेस), 12523/24 (न्यू जलपाईगुड़ी- न्यू दिल्ली- न्यू जलपाईगुड़ी) सुपर फास्ट ट्रेनों में यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

इसके अलावे आने वाले दिनों में सोनपुर रेल मंडल के सभी ट्रेनों में सभी टीटीई को एचएचटी उपलब्ध करा दी जाएगी। जिससे प्रतीक्षारत यात्री को खाली होने वाले बर्थ की अद्यतन जानकारी मिलती रहेगी।

टिकट चेकिंग स्टाफ के हैंड हेल्ड टर्मिनल से लैस होने के कई लाभ हैं

बताया गया कि इस व्यवस्था से अगले स्टेशन से ट्रेन में सवार होने वाले यात्रियों को रियल टाइम में सीट की उपलब्धता की जानकारी मिलेगी। साथ ही ट्रेन में सवार किसी प्रतीक्षारत यात्री को आगे के किसी स्टेशन से खाली होने वाली बर्थ का पता चल सकता है और यात्री अपने मोबाइल के माध्यम से आईआरसीटीसी एप का इस्तेमाल कर कन्फर्म टिकट कटा सकते है। इतना ही नही बल्कि प्रतीक्षारत टिकट वाले यात्रियों के लिए खाली सीट की उपलब्धता अधिक होगी, जिससे यात्रियों की संतुष्टि बढ़ेगी।

बताया जाता है कि, इस व्यवस्था से सीट की बुकिंग अधिक होने से रेलवे की आय में वृद्धि होगी, और डिजिटल इंडिया (Digital India) की पहल को बढ़ावा मिलेगा।

हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) के साथ कार्य करनेवाले चेकिंग स्टाफ के लिये अधिक सुविधाजनक तथा गैजेट के साथ कार्य करने से उनका आत्मसम्मान भी बढ़ेगा। चेकिंग स्टाफ को रिज़र्वेशन चार्ट लेकर नहीं चलना पड़ेगा, जिससे कागज़ की बचत होगी और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी।

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