दिल में छेद की सर्जरी के लिए 15 बच्चें फ्लाइट से भेजे गये अहमदाबाद
सिविल सर्जन ने हरी झंडी दिखाकर किया पटना के लिए रवाना
अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय पार्ट-2 में शामिल महत्वकांक्षी बाल हृदय योजना बच्चों के जीवन को उज्जवल बनाने में सार्थक सिद्ध हो रहा है। इस योजना के तहत कई बच्चों के दिल में छेद का ऑपरेशन कराकर नया जीवनदान दिया गया है।
इसी कड़ी में 30 जनवरी को दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित 15 बच्चों को सारण जिला मुख्यालय छपरा से सर्जरी के लिए गुजरात के अहमदाबाद भेजा गया। उन्हें जिला स्वास्थ्य समिति सारण से एंबुलेंस के माध्यम से पटना भेजा गया, जहां से स्क्रिनिंग और आवश्यक प्रक्रिया पूरी होने के बाद फ्लाइट से अहमदाबाद भेजा जायेगा। सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर पटना के लिए रवाना किया। इन सभी बच्चों के दिल में छेद का ऑपरेशन अहमदाबाद में किया जायेगा। 15 बच्चें अहमदाबाद तथा 2 बच्चों को आईजीआईसी पटना भेजा गया है।
सीएस डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि राज्य सरकार आर्थिक तंगी या किसी अन्य कारणों से बच्चों का इलाज कराने में अक्षम नागरिकों को जरूरी मदद उपलब्ध कराने के प्रति प्रतिबद्ध है। उनका उद्देश्य बच्चों को समय पर उचित इलाज उपलब्ध कराना है, ताकि वे स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी सके। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शून्य से 18 साल तक के चर्मरोग, दांत, आंख, श्वसन संबंधी विकार, जन्मजात विकलांगता, कटे होंठ व तालू सहित कई अन्य रोगों का नि:शुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाता है। सिविल सर्जन ने आम जनों से इस कार्यक्रम के प्रति जागरूक होने और दूसरों को भी जागरूक करने की अपील की।
सरकार की यह पहल न केवल बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास है, बल्कि समाज के कमजोर वर्ग को यह एहसास दिलाती है कि उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। यह कदम उन परिवारों के लिए आशा की किरण है जो अपने बच्चों के इलाज के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत हृदय रोग से ग्रसित बच्चों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है। सारण जिले में अब तक दर्जनों बच्चे उक्त योजना का लाभ उठाते हुए सामान्य जीवन जी रहे हैं। मौके पर सिविल सर्जन डॉ सिन्हा के अलावा डीपीएम अरविन्द कुमार, आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ जितेंद्र प्रसाद, रंधीर कुमार यादव, सीफार के डीपीसी गनपत आर्यन समेत अन्य मौजूद थे।
जन्मजात हृदय रोगी बच्चों का मुफ्त इलाज
इस अवसर पर आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत बाल हृदय योजना के तहत ऐसे जन्मजात हृदय रोगी बच्चों का मुफ्त इलाज बिहार सरकार द्वारा कराया जाता है। इसके लिए कंजेटियल हार्ट डिजीज यानी सीएचडी वाले बच्चों की खोज की जाती है। जिनमें जन्म से ही हृदय रोग पाया जाता है। खासकर ऐसे बच्चों में जन्म से ही हृदय में छेद रहता है।
ऐसे बच्चों का इलाज सरकार मुफ्त में करती है। इन बच्चों के हृदय का ऑपरेशन किया जाता है, जिसमें करीब 7 से 8 लाख रुपये खर्च होते हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत यह सारा खर्च सरकार वहन करती है। उन्होने बताया कि इन सभी बच्चों के साथ एक-एक परिजन को भेजा गया है। सभी के आने-जाने, रहने-खाने और इलाज का संपूर्ण खर्च राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा। अभिभावकों को कोई शुल्क नहीं देना है।
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने को लेकर जहां सरकार पूरी तरह गंभीर है वहीं, स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग और कटिबद्ध है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए आरबीएसके टीम की पहल पर जिले के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का पूरी तरह निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। जिसका सार्थक परिणाम यह है कि समुचित इलाज और स्वस्थ्य होने की उम्मीद छोड़ चुके पीड़ित बच्चे पूरी तरह स्वस्थ्य हो रहे हैं और बच्चों को नई जिंदगी जीने का अवसर मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि स्कीनिंग में चिह्नित बच्चों के दिल का ऑपरेशन अहमदाबाद के सत्य साईं हॉस्पिटल में निःशुल्क कराया जाता है। बच्चे के साथ एक अटेंडेंट भी हवाई यात्रा कर अहमदाबाद जाते हैं। जिले में दिल की बीमारी से ग्रसित बच्चों के माता-पिता को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। उनके बच्चे के दिल की बीमारियों का इलाज अब राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क कराया जा रहा है। जिसके लिए राज्य सरकार बाल हृदय योजना का संचालन कर रही है।
अहमदाबाद सर्जरी के लिए भेजे गए बच्चों में आदित्य कुमार सिंह, पिता नागेंद्र सिंह कुशवाहा, अनाया प्रवीन, पिता मो. मुस्ताक, अनिश कुमार, पिता अंकज कुमार, अंकुश, पिता सुनिल प्रसाद, आशीष हर्षित, पिता विनोद कुमार, गोलू कुमार, पिता रंजीत सिंह, ज्योति कुमारी, पिता संतोष राम, लक्की यादव, पिता विकास कुमार, लगन कुमार, पिता मिथिलेश राय, प्रशंसा कुमारी, पिता कमलेश राम, प्रभात कुमार, पिता रामकुमार राम, रमजान अली, पिता अली इमाम खान, शिवम कुमार, पिता दीपक कुमार, शिवांश राज, पिता दीपु साह, वर्षा कुमारी, पिता तारकेश्वर कुमार शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त दो बच्चें आईजीआईएमएस पटना भेजे गए जिनमें अरविन्द कुमार, पिता अर्जुन यादव एवं काजल कुमारी, पिता संजय राय शामिल हैं।
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