प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में चास प्रखंड के बहादुरपुर में हो रहे श्रीराम कथा महोत्सव के तीसरे दिवस पर भगवान श्रीराम के जन्म प्रसंग की व्याख्या किया गया। इस अवसर पर स्वामी हंसानंद गिरि ने प्रभु के धरती पर अवतरण के कारणों पर प्रकाश डाला।
यज्ञ में बीते 14 नवंबर की देर रात हरिद्वार से पधारे हुये स्वामी हंसानन्द गिरि जी महराज ने 15 नवंबर के यज्ञ व्याख्यान में भगवान विष्णु के श्रीराम के रूप में धरती पर जन्म लेने संबंधी पांच मुख्य कारणों का व्याख्या किया।
इसके पूर्व उन्होंने आज 15 नवंबर कार्तिक एकादशी पर ‘तुलसी-शालिग्राम’ की विवाह पर मार्मिक चर्चा करते हुए उपस्थित श्रद्धालुओं को बताया कि विंदा जालंधर की पत्नी थी, पर भगवान विष्णु ने उससे छल करके जालंधर की मौत के कारण बने।
इससे क्रोधित होकर विंदा ने विष्णु को पासान यानि पत्थर हो जाने का श्राप दे दिया। दूसरी भगवान विष्णु ने भी उसे धरती पर वृक्ष बनने का श्राप दिया था। अब दोनों के परस्पर श्राप के बीच मध्यस्तता कर भगवान शिव ने ही शालिग्राम रूपी विष्णु एवं विंदा रूपी तुलसी वृक्ष का विवाह कराया था।
इसी व्रत को माताएं करती रही हैं। विष्णु भगवान के श्रीराम के रूप में पांच कारणों का व्याख्या गिरि जी महराज ने किया है, जिसमें नारद मोह की कथा में नारद बंदर का मुखड़ा पाकर क्रोधित हुए और प्रभु को श्राप दे दिया कि आप भी पत्नी से बिछड़ेंगे और बंदर का ही मदद आप लेंगे। स्वामी हंसानंद ने राजा मनु-सदरूपा की कथा सुनाई, जिसमें दोनो को प्रभु ने दशरथ राजा के पुत्र बनने का वरदान दिया था।
फिर राजा भानुप्रताप के अत्याचार से उसे राक्षस रूप में जन्म लेने का श्राप दिया, जिसके अत्याचारों से संसार को मुक्ति दिलाने प्रभु को धरती पर आना पड़ा। सभी कारणों पर बेवाक प्रस्तुति को सभी सुनकर गदगद हो उठे।
आज कथा मंच पर श्रीराम जन्म की झांकी प्रस्तुति काफी रोचक व आकर्षक रहा। बता दें कि श्रीराम कथा का आयोजन चास नगर के धनाढ्य शिव अग्रवाल द्वारा कराया गया।
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