एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला (Bokaro District) के हद में बेरमो कोयलांचल के सबसे पुराने जारंगडीह 12 नंबर स्थित श्रीश्री शीतला माता का वार्षिक महोत्सव 19 अगस्त को पूरे विधि पूर्वक मनाया गया। जिसमें बड़ी संख्या में दक्षिण भारतीय भाषा भाषी शामिल हुए।
श्रीश्री शीतला माता मंदिर कमिटी के सचिव सोनी सिंह ने बताया कि शीतला मां का पूजा सुबह 9 बजे माता के अभिषेक से प्रारंभ हुआ। इसके उपरांत कमिटी अध्यक्ष एजी चार्सल ने माथे पर मां शीतला माता की प्रतिमूर्ति को लेकर दामोदर नदी तट पर पहुंचे।
वहां से कलश के साथ मां शीतला मंदिर पहुंचे, जहां तमिल रीति रिवाज से पुजारी पंडित राजू की देखरेख में मन्त्रोंच्चार से विधिवत पूजा कराया गया। सोनी के अनुसार इस अवसर पर माता मंदिर से लेकर दामोदर तट तक तथा शीतला मंदिर प्रांगण तक पारांपरीक वाध्य यंत्र आर शुभवालन, अनवू, भास्कर एवं रामकुमार बजाते माता मंदिर पहुंचे।
मंदिर कमिटी के सचिव ने बताया कि इसके बाद दोपहर 2 बजे शीतला मां के प्रांगण में बलि का कार्यक्रम किया गया। इसके बाद संध्या 7 बजे शाम को कलश के साथ पुन: प्रतिमा को नदी तट पर विसर्जन कर दिया गया। जबकि रात्रि 9 बजे से महाप्रसाद का वितरण किया गया।
पूजा के संबंध में मंदिर कमेटी के अध्यक्ष एजी चार्सल ने बताया कि यहां लगभग 70 वर्षों से पूरे तमिल रीति रिवाज के साथ पूजा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि श्रीश्री शीतला माता के प्रति खासकर क्षेत्र में रह रहे दक्षिण भारतीयों की अटूट आस्था है।
इस पूजा को संपन्न कराने में कमेटी के अध्यक्ष एजी चार्सल, सचिव सोनी सिंह, कोषाध्यक्ष रवि, कमिटी सदस्य सानू, विशु, अयन, नयन, अमृत, कृष, गोलू, सन्नी, मदन, मनोज, मिठू सिंह का सराहनीय योगदान रहा। जबकि पूजा के अवसर पर स्थानीय रहिवासी बासुदेव मंडल, सचिन कुमार, किशुन मंडल सहित तमाम 12 नंबर एवं जारंगडीह वासी उपस्थित थे।
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