श्रद्धा व् भक्ति से होती है ईश्वर की प्राप्ति-शांतिश्रेया

प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। तीर्थस्थलों तथा मंदिरों मे पूजा पाठ कर ईश्वर प्राप्ति की लालसा इंसान रखता तो हैँ, लेकिन अपने हृदय को टटोलने का प्रयास नही करते। ईश्वर का वास इंसान के हृदय मे होता है।

उक्त बाते अयोध्या धाम से पधारी मानस मंजरी शांति श्रेया ने 20 मार्च की रात्रि बोकारो जिला के हद में पेटरवार प्रखंड के अंगवाली स्थित धर्म-संस्थान मैथानटूंगरी मे आयोजित श्रीरामचरित मानस महायज्ञ के क्रम मे रात्रि प्रवचन देते हुए कही। मानस मंजरी ने कहा कि सच्ची श्रद्धा व भक्ति से ही ईश्वर की प्राप्ति सम्भव है। उन्होंने सुख, समृद्धि व शांति के लिए परिवारिक एकता पर बल दिया। साथ हीं कहा कि भारतीय सभ्यता व संस्कृति को अपनाकर ही सामाजिक सुधार किया जा सकता है।

मिर्जापुर यूपी से पधारे धर्मराज शास्त्री ने कहा कि रामायण मे जीने की कला समाहित है। कहा कि श्रीरामचरित मानस के हरेक प्रसंगो को जीवन मे उतरकर ही सफल जिंदगी जिया जा सकता है, अन्यथा जीवन भर भटकाव का शिकार होना पड़ेगा। दोनो प्रवक्ताओं ने प्रवचन के दौरान देवी सती की प्रसंग का उल्लेख किया।

गिरिडीह से पधारे व्यास अनिल पाठक एवं उनकी समूह ने आज की पारायण मे लयबद्ध मानस पाठ एवं रात्रि प्रवचन के दौरान श्रीराम जन्म के मौके पर सोहर गान प्रस्तुत किये। उन्हे मंच पर मुखिया धर्मेंद्र कपरदार ने माल्यार्पण किया। मंच संचालन संतोष प्रसाद नायक कर रहे थे। वहीं बेमौसम वर्षा से मौसम खफा रहा, जिस कारण अधिकांश श्रोता दीर्घा खाली रहा।

 

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