सरकारी सुविधा की बाट जोह रहे है शीतल भकुरहरवासी

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला (Vaishali district) के हद में लालगंज प्रखंड (Lalganj block) का शितल भकुरहर पंचायत लगभग 10 हजार आबादी वाला पंचायत है। इस पंचायत में लगभग 15 सौ परिवार रहते हैं। जिसमें 300 दलित परिवार की आबादी है।

जानकारी के अनुसार इस पंचायत में एक है स्कूल सहित छह मध्य और प्राइमरी विद्यालय भी है। पंचायत में दो स्वस्थ केंद्र भी है, लेकिन हालात यह है कि किसी भी विद्यालय में शिक्षक समय से नही आते।

शिक्षक को प्रतिनिधि मध्यान भोजन, छात्रवृति की राशि छात्रों के ड्रेस और किताब सहित छात्रों को मिलने वाली सरकारी राशि का बंदरबाट करने की योजना में लगे रहते हैं। पंचायत में 6 आँगनबाड़ी केन्द्र संचालित है, जिसपर सरकार लाखो राशि खर्च कर रही है।

आश्चर्य यह कि किसी भी आंगनवाड़ी केंद्र पर छोटे बच्चों और माताओं को लाभ नही मिलता। यह सब गोरख धंधा कागज पर ही चलता है। ग्रामीणों के अनुसार बीते 15 वर्षो में इस पंचायत में 1500 से ऊपर इंदिरा आवास या प्रधान मंत्री आवास योजना के तहद आवास पर पैसा उठाया गया, लेकिन आज भी 90 प्रतिशत दलित औऱ गरीब परिवारों को रहने के लिये झोपड़ी ही है।

गांव के कुछ लोगों ने जानकारी दी कि पंचायत प्रतिनिधि और कर्मचारी सभी मिलकर इस योजना की राशि कमीशन लेकर ज्यादातर वैसे लोगो के दादा, बेटा, पोता यानी एक ही परिवार के लोगों के नाम पर राशि का आवंटन भी किया है। बहुत से गरीब जो राशि लिये वह कहां गए और मकान नही बनाया।

पंचायत के नव निर्वाचित मुखिया अलका देवी से पंचायत की उपरोक्त समस्या के संबंध में पुछे जाने पर उन्होंने भी पंचायत की उपरोक्त समस्या को स्वीकार करते हुये इसको दूर करने के लिये कार्य करने का वायदा किया। नल जल योजना की जानकारी देते हुए मुखिया ने बताया कि कुछ वार्ड में मोटर जले होने और एक वार्ड में पाइप नहीं बिछाए जाने से योजना का काम बाधित है।

जिसे जल्द चालू किया जाएगा। मुखिया ने पदभार ग्रहण किये जाने के बाद पहली आम सभा में आवास योजना में सूची बनाये जाने में हो रही अनियमिता के आरोप के संबंध में बताया कि आवास सहायिका द्वारा बनाई गई सूची में वैसे लोगो का ज्यादा नाम दर्ज है, जिनके पिता या परिजन पहले हीं लाभ ले चुके हैं या उनका अपना पक्का मकान है। जिस वजह से सूची पास नही हुआ।

मुखिया अलका देवी ने बताया कि सरकार (Government) द्वारा गरीबों को मिलने वाली सुविधा उसे जरूर मिलेगी। उन्होंने बताया कि पंचायत की तीन हजार गरीब दलितों को इस ठंढ में प्रखंड से तीन हीं कम्बल बांटने को मिला। यह बहुत मुश्किल काम था कि तीन हजार आबादी में सिर्फ तीन को कम्बल देना, क्योंकि इस कार्य से अन्य के नाराज होने का भय था।

आज पंचायत की तीन बेसहारा गरीब महिला को जो सामने दिखी उसे कम्बल दे दिया। मुखिया ने कहा कि गरीबों का हक गरीबों को मिले, इस पर कायम रहने का वायदा उन्होंने पंचायत की जनता से किया है।

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