सेमिनार में सेवानिवृत आईपीएस प्रशांत कर्ण ने महिला सशक्तिकरण पर दिया बल
सेमिनार में विजेता प्रतिभागी व् दर्जनों मिडियाकर्मी किए गये सम्मानित
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में जारंगडीह स्थित कृष्ण बल्लभ महाविधालय (के. बी. कॉलेज) बेरमो में 18 जनवरी को महिला सुरक्षा एवं जागरूकता विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला (सेमिनार) का आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि सेवानिवृत भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी डॉ प्रशांत कर्ण, विशिष्ट अतिथि कॉलेज के प्राचार्य डॉ के. पी. सिन्हा, एफपीआई गोमियां के प्रबंधक डॉ अरुण कुमार सिंह, सीसीएल कथारा क्षेत्र के सीएसआर अधिकारी चंदन कुमार उपस्थित थे।
अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। सेमिनार में अतिथियों ने महिला सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए समाज में जागरूकता लाने पर बल दिया। वहीं आयोजित प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागी तथा कॉलेज हित में बेहतर समाचार संकलन करनेवाले मिडियाकर्मियों को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।
सीसीएल कथारा क्षेत्र वेलफेयर कमेटी, वूमेन सेल एवं आईक्यूएसी
के. बी. कॉलेज बेरमो के संयुक्त तत्वावधान मे 18 जनवरी को प्राचार्य डॉ के पी सिन्हा की अध्यक्षता में महिला सुरक्षा विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज के जंतुशास्त्र सभागार मे किया गया।
सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि सेवानिवृत आईपीएस झारखंड प्रशांत कर्ण, विशिष्ट अतिथि फैमिली एसोसिएशन ऑफ इंडिया गोमियां डॉ अरुण कुमार सिंह, सीएसआर अधिकारी सीसीएल कथारा क्षेत्र चंदन कुमार, प्राचार्य डॉ के पी सिन्हा, वेलफेयर कमिटी कोऑर्डिनेटर डॉ प्रभाकर कुमार, आदि।
वूमेन सेल कोऑर्डिनेटर डाॅ नीला पूर्णीमा तिर्की, आईक्यूएसी कोऑर्डिनेटर डाॅ अरुण कुमार रॉय महतो, रुसा कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर लक्ष्मी नारायण राय, परीक्षा नियंत्रक प्रो. गोपाल प्रजापति ने संयुक्त रूप से विधिवत् दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों को प्राचार्य डॉ के पी सिन्हा ने पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सेवानिवृत आईपीएस प्रशान्त कर्ण ने कहा कि वे अपने कॉलेज से स्नातक में विश्वविद्यालय टॉप तथा स्नात्तकोत्तर में गोल्ड मेडल हासिल किया था। उन्हें आरंभ काल से हीं साहित्य के प्रति विशेष लगाव रहा है। यही कारण है कि डॉक्टरेट करने के दौरान बैंक प्रबंधक नियुक्त पद पर योगदान के कारण पढ़ाई अधूरी रह गयी।
बावजूद इसके उन्होंने पढ़ाई जारी रखते हुए आईपीएस किया। उन्होंने बताया कि पुलिस सेवाकाल में उन्हें नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी दी गयी। इसके तहत जब बोकारो, गिरिडीह तथा हजारीबाग जिला नक्सल आतंक से झुलस रहा था। उस समय उन्होंने इसे लेकर बोकारो में भी बेहतर कार्य किया था। जिस कारण उन्हें दो बार राष्ट्रपति पुलिस सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
डॉ कर्ण ने बताया कि पुलिस सेवा में रहते हुए उन्होंने पाया कि अन्य क्षेत्रों के अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी नक्सलियों द्वारा महिलाओं का कई प्रकार से शोषण किया जाता था। हालांकि हमारी परंपरा और संस्कृति महिलाओं को पुरुषो से उच्च दर्जा देता है। उन्होंने कहा कि समाज में असमानता की परिपाटी बाहरी आक्रमण के साथ समाज को तोड़ने के उद्देश्य से किया गया, जबकि किसी भी कार्यक्रम अथवा अनुष्ठान में पुरुषो के साथ महिलाओं को बराबर का दर्जा दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि महिला को देवी शक्ति का हमारे समाज में दर्जा दिया गया है। बावजूद इसके आज महिला बाल विवाह, दहेज उत्पीड़न, ट्रैफिकिंग, शोषण व् उत्पीड़न का शिकार हो रही है। इसपर पुरे समाज को सोचने की जरूरत है। तभी महिला सुरक्षा सार्थक हो सकेगा।
कर्ण ने कहा कि महिलाओं पर होनेवाले अत्याचार के लिए समाज के अलावा महिला स्वयं भी जिम्मेवार है।
उन्होंने इसका विस्तार से वर्णन किया तथा कहा कि महिलाओं के अधिकारों व सम्मान की सुरक्षा एक सामाजिक जबाबदेही है। कहा कि अपराध सहन करना भी उतना ही अपराध है जितना अपराध करना। अपराध करने वाले के खिलाफ महिलाओं को खुलकर अभिव्यक्ति करनी चाहिए। महिलाओं को अपने कानूनी अधिकारो की अद्यतन जानकारी रखनी चाहिए।
प्राचार्य डॉ के पी सिन्हा ने कहा कि महिला एक व्यक्ति नही, बल्कि एक शक्ति स्वरूपा हैं। महिला के अधिकारों की रक्षा करना हमारे संवैधानिक कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी दुनिया मे रहते हैं जहां देवी देवताओं की पूजा की जाती है। उन्होंने हाल के दिनों में गिरिडीह जिला के हद में बगोदर में दहेज हत्या मामले में तेनुघाट न्यायालय द्वारा मृतका के पति व् सास को सजा सुनाये जाने पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं पर कड़ाई से रोक लगाने की जरूरत है। यह तभी संभव होगा जब हमारी बेटियां मुखर होकर इसका विरोध करना शुरु करेगी।
विशिष्ट अतिथि अरुण कुमार सिंह ने महिला सुरक्षा शीर्षक के अंतर्गत महिला स्वच्छता पर पर्याप्त ध्यान दिए जाने की बात रखी तथा माहवारी की स्थिति से निपटने के उपायों व् सुरक्षा उपायों से जुड़ी जानकारी दी। सीएसआर अधिकारी चंदन कुमार ने कहा कि महिलाओं का सम्मान सभ्य समाज का प्रतीक है।
जबकि वेलफेयर कमिटी कॉर्डिनेटर डाॅ प्रभाकर कुमार ने कहा कि भारतीय संविधान मे महिलाओं को सम्मान, समानता, लैंगिक भेदभाव से मुक्ति का समान अधिकार प्राप्त है। उन्होंने कहा कि समाज में होनेवाले भ्रूण हत्या, लिंग असमानता, बाल विवाह, मानव तस्करी, बाल दुर्व्यापार मुक्त समाज सृजन करना हम सभी का दायित्व है। इसके लिए समाज के प्रबुद्ध जनों को आगे आकर आमजनों में लगातार जागरूकता लाना होगा, तभी आदर्श समाज की कल्पना साकार होगा।
सेमिनार में वूमेन सेल कोऑर्डिनेटर डाॅ नीला पूर्णीमा तिर्की ने कहा कि महिलाओं के बिना देश उन्नति नहीं कर सकता है। महिला के अंदर धैर्य, प्रेम, सहनशीलता, मधुर वाणी गुण विद्यमान होते हैं। समाज को महिला सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने की जरुरत है। आईक्यूएसी कोऑर्डिनेटर डाॅ अरुण कुमार रॉय महतो ने कहा कि महिला समाज का एक अभिन्न अंग हैं।
सुख समृद्धि के प्रतीक के रूप मे हम महिलाओं को देखते हैं। उन्होंने कहा कि महिला उत्पीड़न के सर्वाधिक मामले पश्चिम एशिया में देखने को मिलता है। महिला अधिकार के उत्तम उदाहरण जापान है, जबकि भारत मध्यम श्रेणी में है। यहां इस मामले में और प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि झारखंड का कोल्हान प्रमंडल में महिलाओं के नाम ही पैतृक संपत्ति होता है, बावजूद इसके उन क्षेत्रों में उत्पीड़न व् अन्य मामले अधिक देखने को मिल रहा है।
इस अवसर पर विधार्थियों द्वारा महिला सुरक्षा विषय पर पांच तरह की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिनमें पोस्टर, स्लोगन, भाषण, निबंध एवम लघु नाटक प्रतियोगिता शामिल था। पोस्टर प्रतियोगिता मे प्रथम रिया बनर्जी, द्वितीय चांदनी कुमारी एवं तृतीय दानिया फिरदौस रही। स्लोगन मे प्रथम मिलन कुमार गुप्ता, द्वितीय महजबी प्रवीन तथा तृतीय निशी कुमारी रही।
निबंध प्रतियोगिता में प्रथम सुधा कुमारी, द्वितीय साकची कुमारी व् तृतीय ललित कुमार, भाषण प्रतियोगिता में प्रथम रिया बनर्जी, द्वितीय रोशनी दत्ता व् तृतीय राजनंदनी कुमारी तथा लघु नाटक प्रतियोगिता मे प्रथम रिया रॉय, द्वितीय सुप्रिया कुमारी एवं तृतीय स्थान पर पीयूष कुमार रहे।
पांचों प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय व् तृतीय स्थान के विजेताओं को मुख्य अतिथि व् प्राचार्य द्बारा मेडल, मोमेंटो व प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। इसी क्रम मे लोकत्रंत्र के चौथे स्तंभ प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के संवेदनशील व उत्कृष्ट पत्रकारिता कर रहे मीडिया बंधू को मुख्य अतिथि एवं प्राचार्य द्वारा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
मंच संचालन कॉलेज की व्याख्याता डाॅ अलीशा वंदना लकड़ा तथा डाॅ मधुरा केरकेट्टा ने संयुक्त रूप से किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. गोपाल प्रजापति। स्वागत भाषण प्रो. लक्ष्मी नारायण राय ने किया।
मौके पर सीसीएल सीएसआर अधिकारी (कथारा क्षेत्र) के विशेष आग्रह पर एफपीएआई गोमियां के प्रबंधक द्वारा उपलब्ध सौ सेनेटरी पैड कॉलेज प्राचार्य को सौंपा गया, जिसे प्राचार्य द्वारा डॉ नीलिमा पूर्णिमा तिर्की को सौंप दिया गया।
सेमिनार के सफल आयोजन में उपरोक्त के अलावा कॉलेज परिवार के सभी शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी यथा रविंद्र कुमार दास, रवि कुमार यादविंदु, मो. साजिद, हरीश नाग, नंदलाल राम, दीपक कुमार, बालेश्वर यादव, शिव चन्द्र झा, करिश्मा, काजल, पुरषोत्तम चौधरी, संतोष राम, सजय, अजय आदि का सराहनीय योगदान रहा। सेमिनार में कॉलेज के सैकड़ों छात्र-छात्रा की उपस्थिति रही।
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