धार्मिक रिवाज में सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का हो सख्ती से पालन-एसडीओ
एस.पी.सक्सेना/देवघर(झारखंड)(Jharkhand)। देवघर के अनुमंडल पदाधिकारी दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में 14 अक्टूबर को सूचना भवन सभागार में दुर्गा पूजा के दौरान विधि-व्यवस्था व सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शान्ति समिति की बैठक आयोजित की गयी। इस दौरान कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बीच दुर्गा पूजा में अव्यवस्था न हो इसको लेकर विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए एसडीओ द्वारा संबंधित अधिकारियों व उपस्थित विभिन्न दुर्गा पूजा समिति के सदस्यों को आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया गया।
बैठक के दौरान एसडीओ यादव ने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर इस वर्ष पूजा का आयोजन धार्मिक रीति रिवाजों के निर्वहन को लेकर करना है। अति उत्साह में नियमों के प्रति लापरवाही से स्थिति गंभीर हो सकती है। वर्तमान परिस्थिति में हमें और भी सावधान व सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस समय किसी भी प्रकार की असावधानी खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसे में राज्य सरकार व जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन करते हुए श्रद्धा व आस्था के साथ त्योहार मनाने की जरूरत है। खास तौर पर पूजा पंडालों में भीड़ ना हो, यह सुनिश्चित करने का निर्देश अधिकारियों व पूजा समिति के सदस्यों को दिया।
बैठक के दौरान अनुमंडल पदाधिकारी यादव ने सभी अंचलाधिकारियों व थाना प्रभारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में शांति समिति की बैठक कर लोगों को अभी से हीं जागरूक करते हुए सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करें। साथ हीं उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के उल्लघंन करने पर संबंधित दुर्गापूजा कमेटी के सदस्यों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60 एवं आइपीसी की धारा 188 तथा अन्य सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई करने की बात कही। बैठक में उन्होंने कहा कि पंडाल में कतार बद्ध खड़े होना भी प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही बुजुर्ग, बच्चे व बीमार लोगों को पंडाल आने की अनुमति किसी भी हाल में नही दी जाएगी। पंडालों को सैनिटाइज्ड करना भी जरूरी है। किसी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों पर भी कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
बैठक के दौरान अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी विकास चन्द्र श्रीवास्तव ने सभी थाना प्रभारी को अपने क्षेत्र के पूजा पंडालों का निरीक्षण करने तथा निर्देशों का अनुपालन करवाने को कहा। साथ ही पंडाल के बाहर सावधानी तथा अन्य सुरक्षात्मक उपायों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने विधि-व्यवस्था व सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर संबंधित सभी थाना प्रभारियों को आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया।
*इन निर्देशों का करना होगा अनुपालन:-*
1. दुर्गा पूजा का आयोजन मंदिर, घरों के अलावा छोटे स्तर पर तैयार पंडालों, मंडप में किया जा सकता है, जहां किसी तरह की कोई भीड़ नहीं होगी, सिर्फ पूजा होगी।
2. दुर्गापूजा पंडाल, मंडप को ऐसा बनाया जाना है, जिसमें बाहर से कोई मूर्ति या प्रतिमा नहीं दिख सके और ना भीड़ लग सके।
3. पूजा पंडाल, मंडल किसी प्रकार की थीम पर नहीं बननी चाहिए। पूजा पंडाल, मंडप एवं उसके चारों तरफ किसी भी तरह की लाइटिग से सजावट नहीं होनी चाहिए।
4. किसी भी तरह का तोरण द्वार या स्वागत गेट नहीं बनाया जाएगा। पूजा पंडाल, मंडप सिर्फ ढंका हुआ रहेगा तथा शेष भाग खुला हुआ रहना चाहिए।
5. प्रतिमा की अधिकतम ऊंचाई 04 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। सार्वजनिक पता प्रणाली का कोई उपयोग नहीं होगा। त्योहार के दौरान किसी भी तरह के मेला का आयोजन नहीं होगा।
6. पूजा पंडाल, मंडप में एक समय में पुजारी, आयोजक एवं उनके सहयोगी को मिलाकर सिर्फ सात लोग ही रह सकते हैं। किसी भी तरह का विसर्जन, जुलूस नहीं निकलेगा। सिर्फ जिला प्रशासन द्वारा चिन्ह्ति तालाबों में सादगी से प्रतीमा विसर्जन दुर्गा पूजा समिति द्वारा किया जाएगा।
7. किसी भी तरह का कोई प्रसाद, भोग वितरण या भोज कराने की इजाजत नहीं होगी। दुर्गापूजा समिति के आयोजकों द्वारा किसी भी तरह का आमंत्रण नहीं बांटना है।
इस दौरान उपरोक्त के अलावे जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार, जिला अग्निशमन पदाधिकारी भगवान ओझा, देवघर अनुमंडल अन्तर्गत सभी अंचलों के अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी, अनुमंडल कार्यालय, देवघर के प्रधान लिपिक अनिल कुमार, विभिन्न दुर्गा पूजा समिति के प्रतिनिधि एवं संबंधित कर्मी आदि उपस्थित थे।
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