शिक्षा विभाग की मनमानी से मैट्रिक ट्रेड पास शिक्षक संभाल रहे विद्यालय

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। सरकारी आदेश का कितना अनुपालन विद्यालय में हो रहा है यह बोकारो जिला के हद में कसमार प्रखंड के मुडहूलसुदी राजकीय मध्य विद्यालय कसमार ही बता दे रहा है।

सरकारी कार्यालय का कितना अनुपालन हो रहा है कि इस विद्यालय को हाई स्कूल का दर्जा वर्ष 2012 में मिला, लेकिन एक साल के बाद ही राजनीतिक दबाव में हाई स्कूल को बन्द करवा दिया गया। सरकार का सोच था कि गरीब घर के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में दिक्कत नहीं हो। उन्हें दूर जाकर पढ़ाई नहीं करना पड़े। लेकिन वैसा नहीं हुआ। आसपास के गरीब बच्चे प्राइवेट स्कूल में हाई स्कूल की पढ़ाई कर रहे हैं।

सरकार की सोंच काफी सराहनीय था कि गरीब बच्चों का मुफ्त में पढ़ाई हो सके। इसके लिए वर्ष 2012 में उक्त विद्यालय को हाई स्कूल का दर्जा मिला। एक साल तक हाई स्कूल चला बी, उसके बाद राजनीतिक दबाव के चलते वर्ष 2013 से स्कूल में हाई स्कूल का पढ़ाई बंद हो गया। जिसके चलते आज तक हाई स्कूल का पढ़ाई बंद है। यह जिला शिक्षा अधिकारी की मनमानी ही कहा जा सकता है।

उत्क्रमित उच्च विद्यालय का दर्जा प्राप्त होने के बाद किसके आदेश से उक्त विद्यालय में हाई स्कूल की पढ़ाई बंद है, आज तक इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया। अभी भी मिडिल स्कूल में ही क्लास 1 से 5 तक के शिक्षक को सचिव बनाया गया है, जबकि 6 से 8 तक के शिक्षक को सचिव बनाया जाना चाहिए। यह भी अधिकारी के चुप रहने से सरकारी आदेश का खुल कर धज्जियां उड़ रही है।

बताया जाता है कि पहले उक्त विद्यालय में आने जाने का रास्ता भी था, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते रास्ता को भी बंद कर दिया गया। कई बार अंचल से लेकर जिला स्तर तक बंद रास्ता को खोलने की मांग की गयी, लेकिन आज तक रास्ता को नहीं खोला गया है। जैसे तैसे शिक्षक व् बच्चे स्कूल पहुंचते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो राजनीतिक दबाव से यह विद्यालय लगातार झंझवतो से जूझ रहा है।

 47 total views,  3 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *