भारत में महिला शिक्षा की प्रणेता थी सावित्रीबाई फुले एवं फातिमा शेख-बंदना सिंह

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर प्रखंड क्षेत्र के मौलानाचक स्थित दलित बस्ती में ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह की अध्यक्षता में 5 जनवरी को भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले एवं फातिमा शेख की जयंती मनाई गयी। इस अवसर पर सावित्रीबाई फुले एवं फातिमा शेख के चित्र पर माल्यार्पण कर 194वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई।

मौके पर उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह ने सावित्रीबाई फुले एवं फातिमा शेख के संघर्षों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारक और मराठी कवियित्री थीं। उन्होंने सन् 1852 में बालिकाओं के लिए पहले विद्यालय की स्थापना की। वे सामाजिक क्रांति की अग्रदूत थीं। उन्होंने सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि बाल विवाह, विधवा उत्पीड़न जैसी कुरितियों पर अंकुश लगाने को लेकर संघर्ष किया।

उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फुले एवं फातिमा शेख हम तमाम महिलाओं के लिए आदर्श व्यक्तित्व एवं कृतित्व हैं। उन्होंने हर तरह की प्रताड़ना सहन करते हुए महिला को शिक्षित करने का जिम्मा उठाया। कहा कि उस समय की सामंती व्यवस्था उनके उपर कीचड़, गोबर फेंका करती थी और उन्हें शिक्षा-दिक्षा का काम छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता था। लेकिन वे अपने रास्ते से पीछे नहीं हटीं। वे इस तरह से महिलाओं को आगे बढ़ाने का काम किया।

महिला नेत्री सिंह ने कहा कि आज जब एक ओर हर क्षेत्र में महिलाएं अपने परचम लहरा रहीं हैं। आगे बढ़ रही हैं, तो दूसरी ओर वे विभिन्न प्रताड़ना का शिकार भी हो रहीं है। उनके साथ दुष्कर्म, छेड़खानी एवं हत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं। केंद्र की नरेंद्र मोदी एवं बिहार की नीतीश सरकार महिलाओं को आगे बढ़ाने को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देती है। वहीं महिलाओं की इज्जत-आबरू के साथ खिलवाड़ होता है‌।

महिलाओं के उपर सामाजिक व्यवस्था टिकी हुई है और वह परिवार को चलाते हुए समाज को भी बेहतर बनाने के लिए काम करती हैं। लेकिन उन्हें सम्मान नहीं मिल पाता है। महिलाओं को अपने मान-सम्मान की रक्षा और अपना अधिकार पाने के लिए, आगे बढ़ने के लिए संगठित होकर अपने हक-अधिकार की लड़ाई लड़नी होगी।

मौके पर भाकपा माले ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह, शाखा सचिव रामचंद्र पासवान समेत अनीता देवी, सुनैना देवी, गीता कुमारी, राधा कुमारी, सावित्री देवी आदि बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं। जयंती समारोह में भाकपा माले द्वारा आहूत 9 मार्च को पटना महाजुटान में भाग लेकर सफल बनाने की अपील की गई।

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