एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में फूलमंडी फुसरो में माली-मालाकार कल्याण समिति फुसरो के तत्वाधान मे 3 जनवरी को माता सावित्री बाई फूले की जयंती घूम-घाम से मनाई गई।
इस अवसर पर सर्वप्रथम अतिथियो ने दीप प्रज्वलित कर और सावित्री बाई फूले के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया। इस दौरान उन्हें सबसे बड़ा समाज सुधारक बताया गया। युवा व्यवसायी संघ फुसरो के सचिव बैजू मालाकार और कोषाध्यक्ष राकेश मालाकार ने कहा कि माता सावित्रीबाई फूले ने 19वीं शताब्दी में स्त्रियों के अधिकारों, अशिक्षा, छुआछूत, सती प्रथा, बाल व् विधवा विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। अपने पति दलित चिंतक व् समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले से प्रेरित होकर उन्होंने सामाजिक चेतना फैलाई। उन्होंने सबसे पहले बालिकाओं के लिए विद्यालय शुरू किया।
इस मौके पर लक्ष्मण मालाकार ने कहा कि सावित्रीबाई फूले देश में महिला शिक्षा क्रांति की ज्योति थी। उन्होंने कहा कि जिस दौर में महिलाएं घर तक सीमित थी, उस जमाने में उन्होंने महिलाओं को एकजुट करने का काम किया। एक जनवरी 1848 को नौ बालिकाओं को लेकर पुणे में कन्या पाठशाला की शुरुआत कर अभूतपूर्व कार्य किया। इस अवसर संजय मालाकार, संजीत मालाकार, शिव कुमार मालाकार, राजू मालाकार, बाबूलाल मालाकार आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
52 total views, 2 views today