फिरोज आलम/जैनामोड़(बोकारो)। मकपा के कार्यकारी सचिव राजकुमार गोराई (Secretary Rajkumar gorai) के नेतृत्व में 17 फरवरी को बोकारो स्टील सिटी (Bokaro steel city) में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कहा गया कि मोदी सरकार की आत्म निर्भरता का अर्थ कार्पोरेट घरानों पर निर्भरता और उनके राष्ट्रवाद का मतलब है देश की संप्रभुता को गिरवी रखना।
इस अवसर पर उपस्थित सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व सांसद बृंदा कारात ने पार्टी द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने कोरोना महामारी का फायदा उठाकर हमारी राष्ट्रीय संपत्ति को बेचने के एजेंडे पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। बैंक, बीमा, रेलवे, पेट्रोलियम, आयुध कारखाने समेत सार्वजनिक क्षेत्र के तमाम कल-कारखानों, प्रतिष्ठानों और उधमो को देशी – विदेशी पुंजीपतियों के हवाले किऐ जा रहा हैं। हमारे देश की आत्मनिर्भरता और अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्र इस्पात और कोयला उधोग का भी तेजी से निजीकरण किया जा रहा है। जिसके खिलाफ मजदूर वर्ग लगातार आंदोलन के मैदान में हैं। इसका ताजा उदाहरण इस्पात मजदूरों द्वारा विशाखापट्टनम स्टील प्लांट में चलाया जा रहा ऐतिहासिक आंदोलन है।
मकपा महिला नेत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने मुनाफा देने वाले बोकारो स्टील प्लांट को जिसने वर्ष 2019 मे 97 करोड़ का मुनाफा सरकारी खजाने में जमा कराया उसे दक्षिण कोरिया की कुख्यात कंपनी पौस्को के हाथों बेच रही है। देश के स्टील प्लांटो में 33 हजार मजदूर काम करते हैं। यह सार्वजनिक क्षेत्र की एक नवरत्न कंपनी है। मोदी सरकार ने इस स्टील प्लांट को अपनी लौह अयस्क की जरूरत के लिए अपना कैप्टिव प्लांट खोलने की इजाजत नही दी। जबकि निजी इस्पात संयंत्रों को इस प्रकार की इजाजत दी गई। मोदी सरकार का यह निर्णय पुरी तरीके से राष्ट्र विरोधी है। इतना ही नही सरकार ने विशाखापट्टनम स्टील प्लांट की 22 हजार एकड़ जमीन भी कार्पोरेट घरानों के हाथों सौंपने की तैयारी कर ली है। वृंदा करात ने कहा कि यही मोदी के आत्मनिर्भर भारत का एजेंडा है इसलिए मोदी यदि रात कहते हैं तो वह निश्चित रूप से दिन होगा क्योंकि वे जो मन की बात कहते है वह मनमानी की बात मे तब्दील हो जाती है। इसलिए मेहनतकशों के लिए आने वाला समय काफी चुनौतीपूर्ण होगा।
उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि तमाम देशभक्त, सेकुलर और लोकतांत्रिक शक्तियों को एकजुट करते हुए मोदी सरकार द्वारा संविधान, लोकतन्त्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर किए जा रहे हमलों के खिलाफ विरोध की मजबुत दीवार खड़ी की जाय। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 18 फरवरी को रेल रोको आंदोलन का समर्थन किया। प्रेस वार्ता मे पार्टी के राज्य सचिव गोपीकांत बक्शी, प्रकाश विप्लव, रामचंद्र ठाकुर, राजकुमार गोराई मौजूद थे। प्रेसवार्ता के बाद उन्होंने बोकारो जिले के पार्टी सदस्यों की एक आम बैठक को भी संबोधित किया। इस बैठक में विभिन्न प्रखंडों के 300 से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
आज के इस बैठक की अध्यक्षता भागीरथ शर्मा ने की। मौके पर श्याम सुंदर महतो, प्रदीप विश्वास, सत्येंद्र कुमार, राकेश कुमार, के. एन. सिंह, गोलक महतो, मनोज कुमार पासवान, मो. अख्तर, शकुर अंसारी समेत कई नेतृत्वकारी साथीगण मौजूद थे।
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