एस. पी. सक्सेना/बोकारो। स्वयंसेवी संस्था सत्यलोक के द्वारा हजारीबाग जिला (Hazaribag district) के हद में विष्णुगढ़ प्रखंड के नरकी में चलाए जा रहे नि:शुल्क शिक्षा प्रोग्राम (Free Education program) के तहत पढ़ रहे बच्चों के बीच संस्था के इवेंट मैनेजर आनंद निशाद और एकाउंट मैनेजर रवि रंजन के द्वारा 18 जून को पाठ्य सामग्री एवं चॉकलेट का वितरण किया गया।
उक्त जानकारी देते हुए सत्यलोक के संस्थापक एस. एन. राय ने बताया कि नरकी में नि:शुल्क शिक्षा का प्रोग्राम बीते दो सालों से चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गणेश कुमार रवि नरकी में शिक्षा की जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे हैं।
इस अवसर पर 60 से अधिक बच्चो को पाठ्य सामग्री का वितरण किया गया। इस अवसर पर नित्य और नव्य ने बच्चो को प्रेरणा से ओत प्रोत कहानियां सुना कर उनमें नई ऊर्जा का संचार किया। बाकी सदस्यो की ऊर्जा ने बच्चो का दिल जीत लिया।
राय ने बताया कि आपको ये जानकर हैरानी होगी की वैसे बच्चे गरीब, किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिनकी शिक्षा का जिम्मा सत्यलोक संस्था ने लिया हैं। सत्यलोक उनके बेहतर भविष्य के लिए लगातार काम कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि बीते 13 जून को संस्था के स्थापना दिवस के अवसर पर यहां वृक्षारोपण के साथ साथ बच्चो के बीच चॉकलेट बांट कर मनाई गई थी, जिसमें हर एक सदस्य ने अपने हाथो से क्षेत्र के दर्जनों रहिवासियों के घरों के प्रांगण में फलदार पौधे लगाए थे।
सत्यलोक की चेयरपर्सन संगीता कुमारी ने बताया कि ‘सत्यलोक – एक नई आशा’ जो गोमियां एवं कथारा स्थित एक स्वयंसेवी संस्था है, बीते 20 वर्षो से समाज सेवा के लिए कार्यरत है। संस्था पिछले 02 वर्ष से लगभग 250 गरीब बच्चों को नि:शुल्क, बेहतर और नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण शिक्षा देने का कार्य कर रही है।
जरूरत पड़ने कर उनका इलाज और अन्य देख रेख भी करते हैं। संस्था की नि:शुल्क शिक्षा प्रोग्राम चार अलग अलग जगहों पर सफलतापूर्वक चल रही हैं, जिसमें गांधीग्राम, पिपराडीह, नरकी और कथारा शामिल।
यहां बच्चों को जीवन से जुड़ी हर पहलू का ज्ञान देकर उनके लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित कर, पिछड़े हुए वर्गो को मुख्य समाज के बराबर में लाने के उद्देश्य से यह संस्था बीते 20 वर्षो से लगातार पूरी तत्परता के साथ काम कर रही हैं। मौके पर सत्यलोक संस्था की चेयरपर्सन संगीता कुमारी, नव्य राय, नित्य राय, रवि रंजन, आनंद निषाद, गणेश कुमार रवि आदि मौजूद थे।
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