फिरोज आलम/जैनामोड़(बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में चास प्रखंड के कनारी पंचायत बरुवाटांड़ गांव से 29 दिसंबर को सरना धर्म सगाड़ रथ को आदिवासी गांवों में जन जागरण के लिए रवाना किया गया। बोकारो जिला मुख्य संयोजक सुखदेव मुर्मू (Sukhdev Murmu) ने सरना धर्म सगाड़ रथ दूसरे चरण को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मौके पर मुख्य संयोजक सुखदेव मुर्मू ने कहा कि भारत में 2021 जनगणना का वर्ष है। जिसमें देश के आदिवासियों को अब तक धार्मिक पहचान और मान्यता के साथ शामिल होने का न्याय और अधिकार प्राप्त नहीं है। जबकि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत यह मौलिक अधिकार या फंडामेंटल राइट है। देश के नेताओं, पार्टियों और सरकारों ने लगभग 15 करोड़ आदिवासियों के साथ अब तक अन्याय किया है। अतएव देश को अपने आदिवासी नागरिकों को उनकी प्रकृति पूजा वाली जीवन दर्शन, भाषा, संस्कृति, सोंच, संस्कार और मान्यताओं को जीवित और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए सरना धर्म कोड का दर्जा अविलंब केंद्र सरकार को दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पांच प्रदेशों के आदिवासी अपनी पहचान सरना धर्म कोलम कोड की मांग हेतु करो मरो की स्थिति में आंदोलन के लिए मजबूर है। आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने दूसरे चरणबध्द आंदोलन की घोषणा कर दी है। केंद्रीय सरकार सरना धर्म कोड को 31 दिसंबर 2020 तक मान्यता देने की घोषणा नहीं करती है तो 31 जनवरी 2021 को राष्ट्रव्यापी रेल रोड चक्का जाम, सरना धर्म कोलम कोड की मांग के समर्थन में 5 प्रदेशों के सभी जिला मुख्यालयों में 21 जनवरी 2021 को धरना प्रदर्शन के माध्यम से राष्ट्रपति को डीएम के द्वारा ज्ञापन पत्र दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 20 दिसंबर से 31 दिसंबर तक 5 प्रदेशो क्रमशः बिहार, बंगाल, असम, उड़ीसा तथा झारखंड में सरना धर्म सगाड़ रथ जन जागरण के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस मौके पर जिला संयोजक भीम मुर्मू, सेंगेल परगना राखो किस्कू, उपेन्द्र हेंब्रम, पीतांबर सोरेन, बिन्तोष टूडू, नागेश्वर मुर्मू, सावित्री मुर्मू, रूबिका हेंब्रम, काजल हेंब्रम, सोनिया किस्कू, कंचन सोरेन, संजय हेंब्रम, सावन हेंब्रम आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।
280 total views, 1 views today