विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro District) के हद में ललपनियाँ स्थित संथालियो का पवित्र तीर्थ स्थल लुगू बुरु घंटाबड़ी धोरोमगाढ़ के नाम से जाना जाता है। सभी संथालियों के जीवन में एक बार इसकी यात्रा करना और दर्शन करना पुण्य माना जाता है।
आदिवासियों द्वारा यहां पर लुगू बाबा की पूजा की जाती है। लुगू बाबा की पूजा अर्चना वहां के पहान के द्वारा की जाती है ।
लुगू बुरु घंटाबड़ी संथाल समुदाय की काफी पुराने समय से एक धरोहर रहा है। इस धरोहर की सभ्यता को होड़ दिशोम के सोस्नोक जुग के नाम से जाना जाता है।
लुगूबुरू घंटाबड़ी झारखंड राज्य (Jharkhand State) के बोकारो जिला के हद में गोमियां प्रखंड के हद में ललपनिया स्थित है। यह राज्य के दूसरे सबसे ऊँचे पर्वत लुगू पहाड़ पर स्थित है। लुगु बुरु घंटाबाड़ी धोरोमगढ़ एक धर्म स्थल है। यहां श्रद्धालुओं का आना जाना हमेशा लगा रहता है। श्रद्धालु लुगू बुरु घंटाबाड़ी में पूजा करने के लिए लुगु पहाड़ की सात चोटियों की श्रंखला को पार कर पहुंचते हैं।
लुगु बूरू की ख़ास बात यह हैं कि झारखंड के सबसे ऊंचे पर्वत पारसनाथ में सीढिय़ों के सहारे सभी लोग वहां की यात्रा तय करते हैं, पर इस दूसरे सबसे ऊंचे लुगु पहाड़ में सीढिय़ों के बिना ही केवल पगडंडियों के सहारे पूरी यात्रा तय करनी पड़ती है।
जानकारी के अनुसार इतने ऊंचे चोटी पर लंबी समतल जमीन है। जहां कार्तिक पुर्णिमा और मकर संक्रान्ति के दिन मेला भी लगता है। जिस जगह पर लुगु बाबा की पूजा अर्चना होती है ठीक उसके बगल में ही एक लंबी गुफा है जो हर किसी को आश्चर्यचकित करने के लिए काफी है।
लूगु बुरू घंटाबड़ी गुफा लुगु पहाड़ का मंदिर माना जाता है। बताया जाता है कि यह गुफा अन्दर ही अन्दर काफी लंबी दूरी तय करती है। यहां श्रद्धालुओं के लिए गुफा में भी पूजा अर्चना करने की सुविधा रखी गई है।
गुफा के अन्दर पानी का रिसना भी एक चमत्कार से कम नहीं है। एक तो इतनी ऊंचाई पर यह पहाड़ स्थित है और इतने ऊंचाई पर पानी का श्रोत कहां से आता है, किसी को पता नही।
प्रति वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन लुगु बूरु घंटाबाड़ी में संथाली श्रद्धालुओं का विशाल तांता लग जाता है। इस दिन यहां पर बहुत बड़े मेले का भी आयोजन किया जाता है। साथ में दो दिवसीय कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है।
यहां आयोजित कार्यक्रम में दूर दूर से लाखों की संख्या में श्रद्धालू एकत्रित होकर शामिल होते हैं और कार्यक्रम का लुफ्त उठाते हैं। इस कार्यक्रम में संथाली नृत्य, संथाली गीत की प्रस्तुति देखने को मिलता है।
पूरे भारत समेत कई अन्य देशों से भी संथाली समुदाय के लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। इस दिन यहां पर आए लगभग सभी लोग लुगू बाबा के समक्ष मत्था टेकते हैं और घर परिवार के साथ साथ सभी लोगो के स्वस्थ रहने की मनोकामना करते है।
वर्ष यानी 2019 से इसे अंतर्राष्ट्रीय संथाली धर्म सम्मेलन के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। और तो और सरकार द्वारा पूरे झारखंड में सरकारी अवकाश की भी घोषणा किया गया है।
लुगु पहाड़ में कई सारे छोटे छोटे झरने मौजूद हैं। उनमें से एक सबसे प्रचलित है। जिसे सीतानाला के नाम से जाना जाता है। लुगु पहाड़ में स्थित सीतानाला को स्थानीय रहिवासी छरछरिया झरना नाम से भी जानते हैैं।
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