पुण्यतिथि पर सम्मानित किए गए जगद्गुरु गुप्तेश्वर पांडेय एवं संत नारायण स्वामी
अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक सेवा आश्रम सोनपुर के प्रांगण में एक अगस्त को आश्रम के व्यवस्थापक संत बाबा स्व. रामदास उदासीन की 24वीं पुण्यतिथि का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर पुण्यतिथि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के पूर्व डीजीपी जगद्गुरु रामानुजाचार्य गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि हरिहरक्षेत्र ऋषि, मुनियों, संत, महात्माओं की भूमि आदि काल से रही है। इसका जीता जागता प्रमाण है कि यहां जड़भरत ऋषि और च्यवन ऋषि, गोरखाई नाथ, बालक नाथ सहित अनेक संत महात्माओं का आना हुआ है।
उन्होंने स्व. बाबा रामदास उदासीन के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के उपरांत आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आश्रम के वर्तमान व्यवस्थापक संत विष्णुदास उदासीन मौनी बाबा के सक्रिय एवं आध्यात्मिक प्रयास से लोकसेवा आश्रम में विकास की गंगा प्रवाहित होने लगी है।
इस मौके पर आश्रम के व्यवस्थापक एवं बिहार प्रदेश उदासीन महामंडल के अध्यक्ष संत बाबा विष्णुदास उदासीन उर्फ मौनी बाबा ने जगद्गुरु रामानुजाचार्य गुप्तेश्वर पांडेय एवं संत नारायण स्वामी को अंग वस्त्र से सम्मानित किया। इस मौके पर सबसे पहले मौनी बाबा ने अपने गुरु संत स्वर्गीय रामदास उदासीन के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया।
तत्पश्चात पूर्व डीजीपी पांडेय, संत नारायण स्वामी, महंत प्रकाश गिरी, आश्रम के परम भक्त सह समाजसेवी अनिल सिंह गौतम, आश्रम के विधि सलाहकार विश्वनाथ सिंह अधिवक्ता सह पत्रकार, हरिमोहन यादव पटना सिटी, नित्यानंद सिंह, अजय कुमार, अभय सिंह, सुनील कुमार यादव, पत्रकार संजीत कुमार, ए के शर्मा आदि भक्तों ने स्वर्गीय बाबा रामदास उदासीन के तैल चित्र पर पुष्प अर्पण कर श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर एक दिवसीय सुंदरकांड रामायण पाठ किया गया। यहां दिन-रात भंडारा चलता रहा।
बाबा हरिहर नाथ मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष जगतगुरु रामानुजाचार्य संत गुप्तेश्वर पांडेय महाराज ने मौनी बाबा के कार्यकलापों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सच में बाबा ऐसे संत हैं, जहां कोई भी कहीं से तथा कभी भी पहुंचता है। बाबा उसे बिना प्रसाद ग्रहण कराए जाने नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि मौनी बाबा के सक्रिय एवं आध्यात्मिक प्रयास से लोक सेवा आश्रम में विकास की गंगा बहना शुरू है। इस कार्य में बाबा का जो भी भक्त सहयोग दिया वे साधुवाद के पात्र है।
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