भारतीय इस्पात मजदूर महासंघ की संघर्ष के फलस्वरूप सेलकर्मियो की जीत-पंडा
सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में सेल की मेघाहातुबुरु प्रबंधन ने सेलकर्मियों के वेतन से काटे गये 7 माह का ट्यूशन फीस को उन्हें वापस देने का फैसला लेते हुये 14 फरवरी को एक सर्कुलर जारी किया हैं। सेल प्रबंधन के इस फैसले से सेलकर्मियों में हर्ष देखा जा रहा है।
भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध भारतीय इस्पात मजदूर महासंघ के कोषाध्यक्ष संतोष कुमार पंडा ने बताया कि इस लड़ाई को मेघाहतुबुरू श्रमिक संघ ने लड़ी थी। आज हमारी जीत हुई है। इससे सेल की सभी खदानों के सेलकर्मियों को फायदा हुआ है।
इस संबंध में मेघाहातुबुरु श्रमिक संघ के महामंत्री जगन्नाथ चातर ने बताया कि 1 अप्रैल 2021 का दिन सेल का कोई भी सेलकर्मी भूल नहीं सकता है, क्योंकि उसी दिन से सेल की खदानों के सेलकर्मियों को मिलने वाली कई सुविधाओ को बिना किसी कारण के कटौती कर दी गई थी। जबकि 1 नवंबर 2021 से वेतन संशोधन समझौता लागू किया गया था।
दु:ख की बात है कि इस विषय में सभी मजदूर संगठन खामोश रहे। कई श्रम संगठनों से इस विषय पर बात किया पर कोई भी संगठन मजदूर हित में इस लड़ाई में आगे नहीं आये। मेघाहतुबुरू श्रमिक संघ ने इस विषय को गंभीरता से प्रबंधन के सामने में रखा।
उन्होंने बताया कि खदान के सेलकर्मियों को उनके बच्चों को स्कूल में पढ़ाने के एवज में प्रत्येक माह ट्यूशन फीस 300 रुपये मिलता था। 1 अप्रैल 2021 से बिना किसी कारण इसे बंद कर दिया गया था। हम जब इस सवाल को उठाएं तो कहा गया कि इसे पर्क में शामिल कर दिया गया। जबकि 1 नवंबर 2021 से वेतन संशोधन समझौता लागू किया गया।
ऐसी स्थिति में 1 अप्रैल से 1 नवम्बर 2021 तक का ट्यूशन फी को गायब कर दिया गया। इसी 7 माह के ट्यूशन फीस के लिए संगठन ने लड़ाई लड़ी थी और आज जीत हुई। जानकारी के अनुसार सेलकर्मियों को प्रबंधन के पास तब के ट्यूशन फीस का बिल जमा करना होगा।
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