सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को सहयोगिनी का समर्थन

जिला प्रशासन ने सहयोगिनी के सहयोग से किया शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। भारत सरकार के नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के उद्घाटन के मौके पर बोकारो जिला के हद में जरिडीह के प्रखंड विकास पदाधिकारी सीमा कुमारी ने 27 नवंबर को जैनामोड़ में बाल विवाह के खिलाफ काम कर रहे गैर सरकारी संगठन सहयोगिनी के साथ मिलकर शपथ दिलाई।

इस अवसर पर बीडीओ सीमा कुमारी ने कहा कि लड़कियों के सपने पूरा करने के लिए उनमे शिक्षा तथा नेतृत्व क्षमता का विकास होना जरूरी है। कहा कि बाल विवाह जैसी कुप्रथा को हम समाप्त कर लड़कियों के जीवन को संवार सकते है। इस दौरान नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम का ऑनलाइन मोड पर वेबकास्ट के द्वारा प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल में 350 से ज्यादा रहिवासियों ने टेलीकास्ट देखा तथा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को समर्थन दिया।

बोकारो जिले में जगह-जगह हुए कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, पंचायत प्रतिनिधियों, सहिया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, बाल विवाह निषेध अधिकारी (सीएमपीओ) के अलावा बाल विवाह पीड़िताओं ने भी भागीदारी की और बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली।
इस संबंध में सहयोगिनी के निदेशक गौतम सागर ने बताया कि यह कार्यक्रम देश से बाल विवाह के खात्मे के लिए भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत के आह्वान के समर्थन में किया गया है, जिसका उद्घाटन 27 नवंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने किया।

इस दौरान उन्होंने पंचायतों और स्कूलों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई। उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही शपथ लेने वालों की संख्या 25 करोड़ तक पहुंच जाएगी। इस मौके पर बाल विवाहों की सूचना व शिकायत के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल भी शुरू किया गया। इस राष्ट्रव्यापी अभियान और जमीन पर इसके असर की चर्चा करते हुए बोकारो जिला बाल संरक्षण संस्थागत पदाधिकारी सरिता कुमारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बाल विवाह के खात्मे के लिए महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया अभियान इस बात का सबूत है कि सरकार इस सामाजिक बुराई की गंभीरता से अवगत है।

सहयोगिनी के समन्वयक सनी कुमार कहा कि आज भी देश में 23 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों का बाल विवाह होता है। यह न सिर्फ जीवन साथी चुनने के उनके अधिकार का हनन है, बल्कि इससे लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ रोजगार और आर्थिक निर्भरता की उनकी संभावनाओं पर भी बेहद बुरा असर होता है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना इस अभियान में सभी हितधारकों को साथ लेकर चलने की है।

जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन का सहयोगी संगठन होने के नाते सहयोगिनी इसमें पूरी तरह साथ है। कहा कि वर्षों से बाल विवाह के खिलाफ काम करने के नाते हम भलीभांति जानते हैं कि समग्र और समन्वित प्रयासों के बिना यह लड़ाई नहीं जीती जा सकती। बावजूद इसके अब हमें विश्वास है कि सरकार और नागरिक समाज के साझा प्रयासों से भारत वर्ष 2030 से पहले ही बाल विवाह के खात्मे के लक्ष्य को हासिल कर सकता है।

कार्यक्रम के दौरान चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह, मुखिया नरेंद्र मिश्रा, आनंद महतो, जरीडीह के उप थाना प्रभारी स्मिता बेक, कुमारी प्रियंका, नीलम कुमारी, नुसरत जहां, चंचला कुमारी, ममता बेक, कार्तिक तुरी, सुरेंद्र कुमार सिंह, कुमारी किरण, सूरजमनी देवी, सोनी देवी, मंजू देवी, रवि कुमार राय, अनिल कुमार हेंब्रम, विकास कुमार आदि उपस्थित थे।

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