एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड की राजधानी रांची के वरीय संपादकों पर जेल में बंद आरोपी के शिकायत पर दर्ज एफआईआर को अविलंब रद्द नही किया गया तो स्वतंत्र एवं निर्भीक पत्रकारिता का गला घोटने का प्रयास माना जाएगा। वर्तमान गला घोंटू व्यवस्था में खतरे में है राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा।
उक्त बातें 5 जनवरी को संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह झारखंड, छत्तीसगढ़ प्रभारी विजय शंकर नायक ने कही।
इसे लेकर नायक झारखंड के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, डीजीपी को ईमेल भेज कर कहा कि एक अखबार के रांची के प्रधान संपादक, वरीय स्थानीय संपादक के खिलाफ खेलगांव थाना कांड में जेल में बंद मनी लाउंड्रीँग एवं शराब कारोबार के आरोप योगेन्द्र तिवारी के फर्जी शिकायत पर दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाये।
नायक ने कहा कि इससे पूर्व योगेन्द्र तिवारी द्वारा जेल से ही फोन कर संपादको को डराने, धमकाने का आपराधिक कृत्य किया गया था जिसकी जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण भारत क्रान्ति पार्टी के द्वारा भेजे ईमेल पर तुरंत संज्ञान ले और पत्रकारिता की स्वतंत्रता, निर्भीकता और झुठे मुकदमा के उत्पीड़न से पीड़ित संपादको एवं पत्रकारों को बचाने के लिए सकरात्मक ठोस पहल किए जाए।
नायक ने उपरोक्त झुठे एफआईआर को अपराध अनुसंधान विभाग के एक उच्च स्तरीय जांच किमिट का गठन कर एक सप्ताह के अंदर जांच कर रद्द किए जाने अन्यथा सरकार एवं अभियुक्त योगेन्द्र तिवारी की सांठगांठ की जांच सीबीआई एवं ईडी से जांच कराने की मांग को लेकर राज्यव्यापी आन्दोलन करने की घोषणा की है।
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