गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर से 20 किलोमीटर दूर लालगंज प्रखंड के पोझिया ग्राम के निरंजन ठाकुर के पुत्र ऋषि कुमार को बीते 18 मई की रात एक शादी समारोह में हर्ष फायरिंग में पीठ में गोली लग गयी थी।
जिसे इलाज के लिए स्थानीय रहिवासियों ने हाजीपुर के एक निजी नर्सिंग होम में ले गया था। जब इस घटना की सुचना युवक के पिता निरंजन ठाकुर को मिली तो ठाकुर अपने ससुराल हाजीपुर प्रखंड के नैनहा गांव से उक्त नर्सिंग होम पहुंचे और डॉक्टर और अन्य लोगो की सलाह पर अपने घायल पुत्र को इलाज के लिए पटना ले आये।
बताया जाता है कि घायल ऋषि कुमार को पीठ में गोली लगी थी, जिससे उसके रीढ़ की हड्डी को नुकशान पंहुचा था। वह असहनीय दर्द से गुजर रहा था।
निरंजन ठाकुर पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक मारवारी सेठ के यहां नौकरी करते हैं। ठाकुर की माली हालत भी अच्छी नही थी। घायल पुत्र के इलाज पर हो रहे खर्च में घर का सब जेवर तक बिक गए। तब निरंजन ठाकुर बिहार के मुख्यमंत्री और बिहार के सभी उच्च पदाधिकारियो को घटना की जाँच और ऋषिकांत के इलाज के लिए पत्र लिखा।
बताया जाता है कि नर्सिंग होम, स्थानीय पुलिस और तथाकथित कुछ अखबार वालों ने मिलकर घटना का दुसरा रुप प्रस्तुत कर घटना बारात से लौटने के दौरान अज्ञात अपरधियो द्वारा गोली मारने का बताया गया, जबकि सच्चाई कुछ और था। उक्त घटना की जाँच अभी तक नही किया जा सका है।
दूसरी ओर पटना मे इलाज से ऋषि के हालत मे सुधार नहीं होने पर निरंजन ठाकुर उसे कोलकाता के माड़वाड़ी समुदाय द्वारा दिये गये चन्दे और पूर्व विधायक बीणा शाही के सहयोग से अपने पुत्र को ईलाज के लिए बीते अगस्त माह में लखनऊ पीजीआई ले गये।
उसके ईलाज पर वहां भी काफी खर्च किया गया। रूपया खत्म होने पर निरंजन ठाकुर लाखनऊ की सड़को पर अपने पुत्र के ईलाज के लिए चन्दा मांगते नजर आये। इसकी जानकारी मिलने पर राष्ट्रिय लोक दल के यूपी अध्यक्ष रामाशीष राय ने ऋषिकांत के इलाज मे काफी सहयोग किया, लेकिन ऋषि कांत ने बीते आठ नवंबर को अंतिम सांस ली।
इस बेरहम दुनियां को छोड़कर वह अनंत पथ पर अपने पिता को बिलखता छोड़कर चला गया। रोते बिलखते निरंजन ठाकुर के पास अपने पुत्र का शव को घर लाने तक को रूपये नहीं था। न सहारा देनेवाला परिवार का कोई सदस्य।
इसकी जानकारी होने पर राष्ट्रिय लोक दल के यूपी अध्यक्ष राय ने लाखनऊ के बैकुंठ धाम में ऋषिकांत के शव का दाह संस्कार करने में निरंजन ठाकुर को सहयोग किया। साथ हीं एक पिता को अपने गांव पोझिया पहुंचने मे मदद किया। वाह री दुनियां, वाह री व्यवस्था। जिसे एक पिता का दर्द नहीं दिखता है।
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