मुआवजा पाने वाले प्रथम रैयत बनेंगे हराधन दिगार
एन.के.सिंह/फुसरो (बोकारो)। सीसीएल (CCL) ढोरी क्षेत्र के महाप्रबंधक एमके अग्रवाल (General Manager MK Agrawal) ने 18 अक्टूबर को अपने कार्यालय कक्ष में एक साक्षात्कार में बताया कि रैयतो को प्रति एकड़ 9 लाख की दर से मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद की प्रयास के बदौलत मुआवजा राशि निर्धारण तय हो चुका है।
उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में सीसीएल द्वारा निर्धारित मुआवजा पाने वाले हराघन दिगार प्रथम रैयत होंगे। जीएम अग्रवाल ने कहा कि मुआवजा राशि के निर्धारण से विस्थापितों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। इसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगा है।
अग्रवाल ने पिछली कोलियरी की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर बताया कि पिछरी कोलियरी का 458 एकड़ जमीन है। जिसमे 300 एकड़ से अधिक रैयती भूमि है। कई रैयत के पास तथा अंचल व् राज्य स्तर पर खतियान उपलब्ध नहीं रहने के कारण सत्यापन में दिक्कत आ रही है।
इस कार्य में पेटरवार सीओ काफी सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें स्थानीय रैयतो, श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि, जन प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और मीडिया कर्मियों का भी भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सत्यापन के अलावे पर्यावरण क्लीयरेंस प्राप्त करने तथा दामोदर किनारे बांध की मजबूती की जांच करने का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि पिछरी कोलियरी के लिए मैनेजर नियुक्त कर दिया गया है, उनके साथ सर्वेयर, अमीन, चैनमैन आदि सहयोग के लिए दे दिया गया है।
वे सीओ ऑफिस तथा रैयत के बीच रोज जाते हैं। भूमि सत्यापन को लेकर प्रयास करते हैं। सीओ और रैयतों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि शीघ्र ही पिछरी कोलियरी को चालू कराने में सफलता मिल सकती है।
एक प्रश्न के उत्तर में जीएम अग्रवाल ने बताया कि उत्पादन में कोरोना तो बाघक शुरू से ही रहा है। अत्यधिक बारिश ने भी उत्पादन में व्यवधान डाला है। इसके बावजूद लक्ष्य की प्राप्ति हो जाएगी। इसके लिए कठिन परिश्रम जरूरी होगा।
यहां के तमाम कामगार और अधिकारी टीम वर्क के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने विजयादशमी के दिन 3 रैक कोयला डिस्पैच पर प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि रैंक डिस्पैच में तेजी लाने का प्रयास जारी रहेगा।
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