बोरिंग आधे अधूरे किए जाने के कारण पेयजल विभाग का जलमीनार फेल
एस. पी. सक्सेना/लातेहार (झारखंड)। लातेहार जिला के हद में चंदवा प्रखंड के कामता पंचायत स्थित ग्राम चटुआग के परहैया टोला में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है ग्रामीण लघु जलापूर्ति योजना। उक्त बातें कामता पंचायत के पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने 20 अक्टूबर को परहैया टोला का दौरा करने के बाद कही।
खान ने कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामीण लघु जलापूर्ति योजना का लाभ स्थानीय रहिवासियों को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पानी ठीक से निकला नहीं और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने ग्रामीण लघु जलापूर्ति योजना का सोलर जलमीनार फिट कर दिया। इसके कारण यह योजना पुरी तरह फेल हो गया है। जल मीनार बेकार होकर बंद पड़ा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्रामीण लघु जलापूर्ति योजना लाई थी, जो विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण बेकार हो गया है।
खान के अनुसार पीएचईडी विभाग द्वारा परहैया टोला में लगभग तीन वर्ष पूर्व लगाए गए सोलर जलमीनार से शुरुआत में दो चार घरों को एक दो दिन पानी मिला, इसके बाद से बेकार पड़ा है। टोले में पानी समस्या दूर करने तथा शुद्ध पेयजल सभी घरों तक पहुंचाने के लिए इस सोलर जलमीनार का निर्माण किया गया था, लेकिन परहैया टोला में लाखों रुपए की लागत से विभाग द्वारा निर्मित लघु जल मिनार हाथी का दांत साबित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि परहैया टोला में स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के उद्देश्य से विभाग ने लाखों रुपए की लागत से जलमीनार का निर्माण कराया, लेकिन उस उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पाई।
स्थानीय रहिवासी बीनोद परहैया, बिफईया परहैया, महेंद्र परहैया ने बताया कि निर्मित जलापूर्ति योजना से लगा था कि अब लोगों को पानी की समस्या से निजात मिलेगा, लेकिन विभाग द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाया। आज स्थिति यह है कि इस टोले के कई परिवार अभी भी चुआंड़ी का दुषित पानी पीकर अपनी प्यास बुझाने को विवश हैं।
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