सिद्धार्थ पाण्डेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पीआरआई ओरियंटेशन एंड डीसी विजिट कार्यक्रम के तहत हूल दिवस के अवसर पर 30 जून को आदिवासी एसोसिएशन डीवीसी (Tribal Association DVC) के तत्वधान में पश्चिमी सिंहभूम जिला (West Singhbhum district) के हद में प्रखंड कार्यालय नोवामुंडी मे कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में एस्पायर संस्था के द्वारा बच्चों कें उत्थान व बच्चों के अधिकार की चर्चा के लिए कार्यक्रम आयोजित की गई। कार्यक्रम में नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों का स्वागत किया गया।
कार्यक्रम मे सर्वप्रथम सभी जनप्रतिनिधियों द्वारा धरती आवा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया। इसके पश्चात सभी जनप्रतिनिधियों को सुरेंद्र मानकी एवं पदमा के द्वारा स्वागत गुलदस्ता एवं बेज लगाकर किया गया।
मानकी ने नोआमुंडी प्रखंड के सभी स्कूलों की स्थिति को लेकर बच्चों के अधिकार पर कितना गहरा प्रभाव पड़ रहा है इसकी चर्चा की। ब्लॉक इंचार्ज श्रीहरि द्वारा सभी को पीपीटी दिखाकर प्रखंड नोआमुंडी एवं जगन्नाथपुर के बच्चों के आंकड़ों की जानकारी दी गयी।
यहां आरबीसी, एनआरबीसी, एलएल, एलएलएक्स, एफएलसी, 10 ग्रेड एवं सीईआरसी को विस्तार से समझाया गया। जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सोरेन से सबो ने अनुरोध किया कि आरटीई के तहत जो भी सुविधा बच्चों को मिलनी चाहिए, हमारे क्षेत्र के स्कूलों में वह नहीं मिल रही है।
जैसे कि 30 बच्चों में 1 शिक्षक होनी चाहिए, कक्षा की कमी, बाथरूम की कमी, पानी, खेल का मैदान, बाउंड्री वॉल, हॉस्टल का प्रबंध एवं विभिन्न तरह की गतिविधियों से बच्चे वंचित हैं।
एस्पायर की छोटी सी कोशिश है कि बाल मेला के तहत गतिविधियां बच्चों तक पहुंच सके। ताकि बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास हो।
इन सभी कमियों को पूरा करने के लिए जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सोरेन के माध्यम से डीसी अनन्य मित्तल तक बातों को पहुँचाने की अपील की गई। मौक पर मानकी ने आगामी कार्य योजना पर प्रतिनिधियों को अनुरोध किया कि सभी मंच पर आकर सुझाव प्रस्तुत करें। जिसमें दीरीबुरु पंचायत के रोया चातोम्बा, मुखिया मंगल गिलुवा एवं बास्म सचिव मत्यास सुरेन ने अपना सुझाव को रखा।
इसके पश्चात डीसी अनन्य मित्तल का बास्म सदस्यों द्वारा स्वागत किया गया। रमन के द्वारा दोनों प्रखंडों नोवामुण्डी एवं जगन्नाथपुर में बास्म के साथ किस प्रकार बच्चों के अधिकार के ऊपर कार्य कर रहे हैं, विषय वस्तु को साझा किया गया। साथ ही पश्चिमी सिंहभूम में और 16 प्रखंड के कार्यों के बारे में बताया गया।
इसके बाद डीसी अनन्य मित्तल ने कोटगढ़ विजिट के दौरान कमी पाया, जिसे सभी जनप्रतिनिधियों के साथ साझा किया। जैसे किस प्रकार एस्पायर संस्था काम को शुरू किया। बच्चों के अधिकारों पर काम किया पहले सर्वे किए. तब ड्रॉप आउट बच्चे निडी बच्चे शिक्षा से वंचित थे।
उन्हें किस प्रकार शिक्षा से जोड़ा गया एवं शिक्षा के प्रति उनका वर्तमान स्थिति के बारे में बताया। 10 वी ग्रेड के जो निडी बच्चे हैं, उन बच्चों को कोचिंग दिया गया। जिसमें कोटगढ़ कलस्टर मे 100 बच्चे थे। उनमें 93 बच्चों ने मैट्रिक पास किया एवं 7 बच्चे नहीं कर पाए।
क्योंकि उनके अभिभावक के कमजोरियों के कारण उन्हें एग्जाम देने नहीं दिया गया। परिणाम स्वरुप वे बच्चे परीक्षा से वंचित हो गए। इसे लेकर डीसी अनन्य मित्तल ने सभी जनप्रतिनिधियों को कार्यभार सौपा।
जिसके तहत उनके पंचायत में कितने गांव है ? उसमें कितने घर हैं? उनके जिम्मेदारी आपकी है। डीसी ने कहा कि आप मेरा साथ देंगे तो मैं लाखों घर की जिम्मेदारी आसानी से ले पाऊंगा। मेरे काम में आप लोग का सहयोग रहेगा। रमन द्वारा बहुत ही सरल एवं सुंदर पंक्ति के साथ बच्चों के अधिकारों के लिए जनप्रतिनिधियों से नारा लगवाया गया।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के मुखिया, पंचायत सदस्य अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे ।जिसमें मुख्य रूप से प्रखंड प्रमुख पूनम गिलुवा, उप प्रमुख ज्योति दास के साथ-साथ गुवा मुखिया चांदमुनि लागुरी, मुखिया बालीझोर रवि समंद, नोवामुंडी बस्ती के सुनिता सुरेन के अतिरिक्त ग्रामीण मेरेलगड मुंडा, जयराम बरजो, मतियस सुरेन, गोमा सुरेन, सलील बिरूवा, भगवान सिकूं आदि ने कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी दिखाई।
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