प्रबंधन द्वारा मजदूरों के शोषण के खिलाफ क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ की बैठक

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। सेल बोकारो इस्पात संयंत्र के धमन भट्ठी यातायात स्टेशन में यातायात विभाग के ठेका मजदूरों के शोषण एवं प्रबंधन की तानाशाही नीति के खिलाफ हिंद मजदूर सभा से संबंध क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ द्वारा 27 जनवरी को बैठक का आयोजन किया गया। अध्यक्षता एस.सी. कुंभकार ने की।

उक्त बैठक को संबोधित करते हुए संघ के महामंत्री सह-सदस्य एनजेसीएस राजेंद्र सिंह ने कहा कि बोकारो इस्पात संयंत्र में ठेका मजदूरों के हक का लगभग 200 करोड़ रूपया हर वर्ष ठेकेदार और भ्रष्ट अधिकारी मिलकर लूट रहे हैं। बीएसएल के यातायात विभाग को आड़े हाथ लेते हुए सिंह ने कहा कि यातायात विभाग में जिस प्रकार ठेका मजदूरों का दमन और शोषण हो रहा है, वह 16वीं शताब्दी के दास प्रथा एवं बंधुआ मजदूरी को हु-ब-हु चरितार्थ करता है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ कुछ ठेका मजदूरों को समान काम के लिए 20-25 हजार रुपए वेतन मिलता है जो काबिले तारीफ है। मगर दूसरी ओर इसी काम को करने वाले ठेका मजदूर को 20-25 हजार तो दूर मिनिमम वेज पर भी आफत है। ऐसा गणित सिर्फ यातायात प्रबंधन ही लगा सकता है।

सिंह ने कहा कि कम मेन पावर में काम करना मजदूरों की आदत बन चुकी है। यहाँ नया प्रथा है जो पूरे संयंत्र में कहीं नहीं है। कम मेन पावर से निरंतर सुरक्षा चुनौती बनी रहती है। हर लोको में कम से कम दो लोको ड्राइवर एवं दो यार्ड पोर्टर जो निविदा में है, मुश्किल से ही पूरा हो पाता है।

उन्होंने कहा कि मिनिमम वेज की मांग पर ठेका मजदूरों को काम से निकाला जाता है। फाइनल का पैसा जबरन वसूला जा रहा है। हमारी मांग है कि कार्यादेश में निविदा की शर्तों का कड़ाई से पालन करना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में 16वीं सदी का कानून बर्दास्त से बाहर है।

बैठक को सिंह के अलावे आरके सिंह, शशि भूषण, एके चौधरी, पीके देव, दुर्गेश कुमार, मनोज कुमार महतो, गौतम कुमार मंडल, बलदेव महतो, जगदीश महतो, कमरुद्दीन अंसारी, आनंद नारायण महतो, खिरोधर कालिंदी आदि ने संबोधित किया।

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