गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिले के रहिवासी इनदिनों खासे परेशान हाल हैं। कारण यह कि एक ओर जहां वर्षा ऋतु की बेरुखी से कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है तो दूसरी ओर गंगा और गंडक नदी के बाढ़ ने रहिवासियों को बेहाल कर दिया है।
ज्ञात हो कि, वैशाली जिला का मुख्यालय हाजीपुर गंगा और गंडक नदी के संगम पर बसा है। साथ ही वैशाली जिले का राघोपुर प्रखंड गंगा के गोद में बसा हुआ है, जिस वजह से गंगा और गंडक का जल स्तर बढ़ने पर राघोपुर प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र और नदी के किनारे बसी आबादी को काफी परेशानी होती है। हर साल यहां की बड़ी आबादी को बाढ़ झेलनी पड़ती है।
इस वर्ष मानसून के विदाई के साथ ही गंगा और गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से उपर चला गया है। जिस वजह से हाजीपुर शहर से सटे कोनहारा घाट, रामचौरा इत्यादि गंगा किनारे के जो गांव हैं उसमें पानी आ गया है। साथ ही महात्मा गांधी सेतु के तेरसिया दियार से लेकर महनार अनुमंडल के देसरी और महनार प्रखंड के गंगा के किनारे बसे गांव में गंगा का पानी आ जाने से रहिवासियों को काफी परेशानी हो रही है। जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सघन सहायता कार्य चलाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार महात्मा गांधी सेतु के पाया नंबर एक के पास कम्युनिटी किचन और बाढ़ प्रभावित रहिवासियों के लिए अस्थाई टेंट की व्यवस्था की गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के लिए 21 सितंबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा अन्य वरीय पदाधिकारी हाजीपुर महात्मा गांधी सेतु पहुंचे और बढ़ते गंगा के जलस्तर का निरीक्षण किया।
साथ ही सरकार द्वारा बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की। सीएम के निरीक्षण के दौरान वैशाली के जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा और आरक्षी अधीक्षक हर किशोर राय भी मौजूद रहे।
दूसरी ओर गंडक नदी का जलस्तर बढ़ जाने से सबसे अधिक परेशानी कोनहारा घाट पर शव के अंतिम संस्कार को लेकर है, क्योंकि पूरे स्मशान घाट और रामचौरा सहित तेरसिया का इलाका बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है। वहीं बरसात का मौसम मे वैशाली जिले में वर्षा नहीं होने से जिले के किसान परेशान है।
किसी भी इलाके में किसी गड्ढे और तालाब में पानी नहीं है। जिन किसानों ने धान की फसल लगाई वह धान का फसल पानी के अभाव में सूख रहा है। इस वर्ष बरसात नहीं होने की वजह से जिले के किसानों को रवि के फसल पर भी असर पड़ेगा। जिन सबके लेकर जिले के किसान अभी से चिंतित हैं।
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